फूड प्वाइजनिंग के शिकार ग्रामीणों ने सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप
=गांवों में अभी भी कई लोग बीमार संवाद सूत्र, बेरीनाग: फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए बास्ती आ
=गांवों में अभी भी कई लोग बीमार
संवाद सूत्र, बेरीनाग: फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए बास्ती ओर सनगाड़ के ग्रामीणों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। ग्रामीण गांव में कोई चिकित्सा टीम नहीं भेजे जाने से नाराज हैं। ग्रामीणों ने अभी तक फूड प्वाइजनिंग के कारणों का पता नहीं लगाने पर सवाल खड़े करते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की है।
12 दिन पूर्व बास्ती गांव में आई बारात फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई थी। जिसमें 200 से अधिक लोग बीमार हो गए। चार लोगों की मौत हो गई। दर्जन भर से अधिक लोग अभी भी विभिन्न अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि घटना के 12 दिन में ही सरकार उन्हें भूल गई है। सनगाड़ के ग्रामीणों ने कहा कि घटना के बाद दो दिन के लिए गांव में चिकित्सा टीम भेजी गई इसके बाद उनकी कोई सुध नहीं ली गई। गांव में अभी भी तमाम लोग बीमार हैं। भोजन को लेकर लोगों में संशय बना हुआ है। पीड़ितों को सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। गरीब ग्रामीण निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। ग्रामीणों ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। पत्नी की मौत का जिम्मेदार कौन बेरीनाग: फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुई 70 वर्षीय खिमुली देवी के पति फकीर सिंह अभी भी सदमे में हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार 12 दिन बीत जाने के बाद भी फूड प्वाइजनिंग का कारण नहीं खोज सकी है। कारण पता लगने के बाद ही ग्रामीण अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में चुप नहीं बैठेंगे। सरकार को चार लोगों की मौत का जवाब देना होगा।