Uttarakhand: भाजपा विधायक को मिली धमकी, कहा- 'गाजर-मूली की तरह काट दूंगा और इतनी टेंशन दूंगा कि तू मर जाएगा'
Bishan Singh Chufal उत्तराखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष पूर्व मंत्री व डीडीहाट से विधायक बिशन सिंह चुफाल को फिर जान से मारने की धमकी मिली है। मामले में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि जांच की जा रही है। जल्द ही धमकी देने वाले की गिरफ्तारी होगी।
टीम जागरण, पिथौरागढ़: Bishan Singh Chuphal: उत्तराखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व मंत्री व डीडीहाट से विधायक बिशन सिंह चुफाल को फिर जान से मारने की धमकी मिली है। आरोपित ने यह भी कहा, 'इतनी अधिक टेंशन दूंगा कि हार्ट अटैक आएगा और तू मर जाएगा'।
पहले से दी जा रही है इस तरह की धमकी
इस संबंध में विधायक ने कहा है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आने वाले अनिल कापड़ी की ओर से इंटरनेट मीडिया में इस तरह की धमकी पहले से ही दी जा रही है। पूर्व में रिपोर्ट करने के बाद उसने तहसीलदार से लिखित रूप से माफी मांगी थी।
21 जनवरी को दी धमकी
चुफाल का कहना है कि यह व्यक्ति आपराधिक प्रवृत्ति का है और ब्लैकमेलर है। कभी मोबाइल फोन तो कभी अन्य चीज मांगता है। 21 जनवरी को उसने फिर धमकी दी, 'गाजर-मूली की तरह काट देगा या फिर इतना अधिक टेंशन देगा कि उन्हें हार्ट अटैक आएगा और मृत्यु हो जाएगी।' तब जाकर कोई दूसरा व्यक्ति विधायक बन पाएगा।
विधायक ने इसकी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को दी है। पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की जांच में जुट चुकी है और जल्द धमकी देने वाले कि गिरफ्तारी होगी। धमकी देने वाले का गांव विकास खंड मूनाकोट में पड़ता है।
बिशन सिंह चुफाल ने लगातार छठवीं बार जीत हासिल की
विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के कद्दावर नेता पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने लगातार छठवीं बार डीडीहाट से जीत हासिल की थी। वहीं, प्रदेश के पेयजल मंत्री के चुनाव नहीं जीतने के मिथक को भी तोड़ दिया था। इस सीट पर कभी उक्रांद के काशी सिंह ऐरी का राज रहता था, जिसे चुफाल ने समाप्त किया।
बिशन सिंह चुफाल इस सीट पर लगातार 1996 से विधायक हैं और पांच साल के लिए फिर से विधायक चुने गए हैं। 84 हजार मतदाताओं वाली डीडीहाट विधानसभा सीट जिले की सबसे सुगम सीट है।
विधानसभा चुनाव 2022 में इस सीट से कांग्रेसियों ने पूर्व सीएम हरीश रावत को भी चुनाव लड़ने का न्यौता दिया था। चुफाल ने हरीश रावत तक को डीडीहाट से आकर चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। हरीश रावत डीडीहाट से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके।