कच्चाहारी कुटी में हवन कर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जालियांवाला बाग नरसंहार के शनिवार को
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जालियांवाला बाग नरसंहार के शनिवार को सौ वर्ष पूरे हो गए हैं। इस नरसंहार में देश के लिए अपनी प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों को उनकी बरसी पर भावपूर्ण स्मरण किया गया। स्थानीय कच्चाहारी कुटी में हवन यज्ञ कर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
कच्चाहारी कुटी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए स्वामी गुरु कुलानंद कच्चाहारी ने कहा कि सौ साल पहले हुए इस भीषण नरसंहार को कभी नहीं भूला जा सकता है। 13 अप्रैल यही वो दिन है जब जालियांवाला बाग में ब्रिटिश सरकार के अत्याचारी क्रूर जनरल डायर ने अपने सैनिकों के साथ निहत्थे लोगों पर दस मिनट तक अंधाधुंध गोलियां चला दीं। गोलीबारी में हजारों भारतीय नागरिकों की जान चले गई। उन महान वीरों के रक्त से ऐसी ज्वाला बनी जिससे अंग्रेजी शासन भस्म हो गया। सामाजिक चिंतक डॉ. तारा सिंह ने भावों से कहा कि बहाकर अपना लहू हमें दे गए आजादी, जालियांवाला बाग के शहीदों जय हो आपकी। प्रमिला बोहरा ने कहा कि आज तक ब्रिटिश शासन ने इस वीभत्स नर संहार के लिए क्षमा नहीं मांगी है। हमें जालियांवाला बाग के शहीदों पर सदैव गर्व रहेगा। महेश पांडेय ने कहा कि बच्चों को अपना इतिहास याद रखना होगा। इससे हमारी देश की एकता, अखंडता मजबूत होगी। गोष्ठी में बीडी कापड़ी, सचिन महर, आशा मोहन, मेघा सिंह, मनीष सती, तनुजा उप्रेती, पुष्पा सती, रोहित फुलेरा, मेघा पंत, गंगा दत्त जोशी, अंकित पांडेय, वंदना खड़ायत आदि मौजूद रहे।