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फिर हुई खंडवृष्टि, कांपा सीमांत

सीमांत में मानसून ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही खंडवृष्टि ने खतरा भी पैदा कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 11:05 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 11:05 PM (IST)
फिर हुई खंडवृष्टि, कांपा सीमांत
फिर हुई खंडवृष्टि, कांपा सीमांत

धारचूला/नाचनी (पिथौरागढ़), जेएनएन: सीमांत में मानसून ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही खंडवृष्टि ने खतरा भी पैदा कर दिया है। रविवार रात को जिले की तीन तहसील क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। अन्य तहसीलों में मौसम साफ रहा। धारचूला और बंगापानी तहसील क्षेत्रों में भारी बारिश ने तबाही मचाई। मौसम ने एक बार फिर से आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में खतरे की घंटी बजा दी है।

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मानसून काल अभी शुरू ही हुआ है। मुनस्यारी क्षेत्र के दाखिम में बारिश ने अपना कहर बरपा दिया है। दाखिम गांव को जख्म दे दिए हैं। गाव के तोक कुरुवा में तीन मकान ध्वस्त हो चुके हैं। तीन गरीब परिवार छत विहीन हो चुके हैं। ग्रामीणों को इस तरह की घटना की दूर-दूर तक आशंका तक नहीं थी। हालांकि यह क्षेत्र आपदा की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है, परंतु दाखिम गांव अभी तक पूरी तरह सुरक्षित गांवों में शामिल था। रविवार की बारिश ने दाखिम गांव के कुरुवा तोक को भी अब आपदा प्रभावित गांवों की सूची में शामिल करा दिया है। नाचनी कस्बे से 25 किमी और बांसबगड़ से 15 किमी की दूरी पर स्थित दाखिम गांव सड़क से जुड़ा है। रविवार की रात की बारिश से सड़क बंद होने से छह किमी पैदल चल कर गांव पहुंचना पड़ा है। हादसे में घायल रमोती देवी और तारा देवी को ग्रामीण क्षतिग्रस्त मार्ग पर डोली से सड़क तक लाए।

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दस घंटे बाद मिल सका प्राथमिक उपचार

आपदा का कहर ऐसा रहा कि हादसे में घायलों को दस घंटे बाद प्राथमिक उपचार मिल सका। घटना रविवार की रात्रि ढाई बजे के आसपास की है। मार्ग बंद होने तथा गांव तक पहुंचने में दिक्कतों के चलते घायलों को सोमवार दोपहर बाद लगभग एक बजे अस्पताल पहुंचने के बाद उपचार मिल सका है। थल के गोचर पीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

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15 परिवारों वाला राजस्व गांव है कुरुवा

बाल-बाल बचा है कुरु वा गांव। स्थानीय निवासी समाज सेवी मंगल सिंह महरा ने बताया कि गांव के पीछे पहाड़ी में मकानों से मात्र सात-आठ मीटर ऊपर से मलबा आया। इस मलबे की चपेट में आने वाले मकान ढह गए। गांव में 15 परिवार रहते हैं। इस घटना के बाद सभी परिवार सहमे हुए हैं।


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