गांधी के विचारों को आत्मसात करे युवा पीढ़ी
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता विषय पर अंतरर्राष्ट्रीय संगोष्ठि का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता विषय पर स्थानीय एलएसएम पीजी कॉलेज में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी शुरू हो गई है। जिसमें देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने महात्मा गांधी की प्रासंगिकता पर अपने-अपने व्याख्यान दे रहे हैं। शुभारंभ अवसर पर डॉ. अरु ण चतुर्वेदी व डॉ. पुनीता द्वारा रचित रामचरित मानस में नैतिक मूल्य पुस्तक का विमोचन किया गया।
रविवार को कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आसीएसएसआर नई दिल्ली के निदेशक जीएस सौन, जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डीएस पांगती ने संयुक्त रू प से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि सौन ने महात्मा गांधी के अंतरराष्ट्रीय आयामों को उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में गांधीवाद की प्रासंगिकता और अधिक बढ़ गई है। जिलाधिकारी ने गांधीजी के विचारों, आदर्शों को आत्मसात करने की बात कही। भोपाल से आए प्रो. निलिम्प त्रिपाठी ने देश की पौराणिक परंपराओं एवं महात्मा गांधी के आदर्शों पर प्रकाश डाला। मास्को रु स के प्रो. लीना त्रिपाठी ने हिमालय की सुंदरता का वर्णन करते हुए पावर प्वाइंट के माध्यम से रु स में भारतीय अध्ययन केंद्रों को दर्शाया। जौनपुर के डॉ. जेएस दीक्षित ने अपने जोशिले संबोधन में उत्तराखंड से जुड़े पुरातन अकादमिक अनुभवों को साझा करते हुए गांधीजी की जीवन शैली पर व्याख्यान दिए। राजकीय महाविद्यालय दोसापानी हल्द्वानी के प्राचार्य प्रो. कमल पांडेय ने गांधीवादी विचारधारा को युवाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया। नार्वे के इनग्रिड वेटविक ने वर्तमान परिवेश में गांधीजी के विचारों पर प्रकाश डाला। चीन से आए प्रो. गंगा प्रसाद शर्मा ने समाज की बुराईयों पर गांधीजी के विचारों का तुलनात्मक परीक्षण व कटाक्ष किया। इससे पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पांगती ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया। अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी आयोजक सचिव/संयोजक डॉ. अरु ण चतुर्वेदी ने अतिथियों का बैच अलंकरण कर स्वागत करते हुए उनका सभी से परिचय कराया। संगोष्ठी में पूर्व प्राचार्य डॉ. नीलांबर पुनेठा, प्राचार्य बेरीनाग डॉ. डीसी सूंठा, डॉ. अतुल चंद, डॉ. आशीष कुमार गुपत, डॉ. डीके उपाध्याय, डॉ. वसुंधरा उपाध्याय, डॉ. बीपी देवली, धमेंद्र मौर्या, डीके सिंह, डॉ. एसके आर्या, प्रो. सुमन खन्ना, डॉ. ममता त्रिवेदी, डॉ. गीता, डॉ. प्रभा पंत आदि मौजूद रहे।