राइंका शैलकुमारी के शिक्षकों ने कर दिया विद्यालय का कायाकल्प
पिथौरागढ़ में जीआइसी शैलकुमारी के शिक्षकों ने स्वयं के प्रयास से स्कूल का कायाकल्प कर मिसाल पेश की।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: कोरोना काल में वापस लौटे कई प्रवासियों ने अपने-अपने क्षेत्र के विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए बेहतरीन कार्य किए। कई जगहों पर शिक्षकों ने भी उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। राजकीय इंटर कालेज शैलकुमारी के शिक्षकों ने अपने संसाधनों से विद्यालय का कायाकल्प कर दिया है। उन्हें उम्मीद है कि विद्यालय खुलने पर छात्रों के लिए यह किसी सरप्राइज से कम नहीं होगा।
राइंका शैलकुमारी के प्रभारी प्रधानाचार्य भरत चंद्र शर्मा, मनोज वर्मा, बसंत गिरी, दिनेश चंद्र जोशी, नरेंद्र कुमार, दौलत राम ने विद्यालय परिसर की दयनीय हालत को देखते हुए विद्यालय की हालत सुधारने का खाका खींचा। शिक्षकों ने खुद ही परिसर और कक्षा-कक्षों में रंग रोगन किया। कक्षा-कक्षों में महापुरुषों के चित्र बनाए और परिसर में प्रेरणादायी वाक्यों का अंकन किया। शिक्षक कई दिनों से इस मुहिम में जुटे हैं। अब कार्य अंतिम चरण में हैं। शिक्षकों ने बताया कि संभवतया अगले सत्र में विद्यालय खुलेगा तो विद्यार्थियों को विद्यालय नए रू प में दिखेगा। शिक्षक प्रतिदिन पांच से छह घंटे नियमित कार्य कर रहे हैं। शिक्षक मनोज वर्मा ने बताया कि विद्यालय परिसर में रंग रोगन के लिए नगर के बोहर हार्डवेयर, पाटनी हार्डवेयर और अजय हार्डवेयर ने भी सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में विद्यालय में कुछ और कार्य कराए जायेंगे, जिनमें नवाचार दिखेगा। इसका फायदा अध्यापन में भी मिलेगा। शिक्षकों के इस प्रयास की अधिकारियों ने भी सराहना की है। दूसरी ओर, शिक्षकों के अनुसार विद्यालयों में सुविधाएं न होने की टीस का उन्हें अहसास है। स्कूल किसी मंदिर से कम नहीं है। ऐसे में उनको संवारने का प्रयास तो होना ही चाहिए।