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अवैध और जहरीली शराब के खिलाफ फूटा आक्रोश

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: उत्तराखंड और उत्त्तर प्रदेश में अवैध शराब के बढ़ते कारोबार क

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 10:53 PM (IST)
अवैध और जहरीली शराब के खिलाफ फूटा आक्रोश
अवैध और जहरीली शराब के खिलाफ फूटा आक्रोश

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: उत्तराखंड और उत्त्तर प्रदेश में अवैध शराब के बढ़ते कारोबार को लेकर अब जनाक्रोश बढ़ने लगा है। जहरीली शराब पीने हो रही मौतों को लेकर दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफा की मांग होने लगी है। कांग्रेस ने सीएम और आबकारी मंत्री का पुतला फूंका।

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जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष त्रिलोक सिंह महर के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने नगर के मुख्य सिल्थाम तिराहे पर राज्य सरकार और आबकारी मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुतला फूंका। इस मौके पर जहरीली शराब के बढ़ते कारोबार और हुई मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और आबकारी मंत्री प्रकाश पंत से तत्काल इस्तीफे की मांग की गई। जहरीली शराब से हो रही मौतों पर रोष जताते हुए कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि अवैध और जहरीली शराब का धंधा सरकार के संरक्षण पर चल रहा है। जिला प्रवक्ता दीनू तिवारी ने कहा कि बिना सरकार के संरक्षण के शराब का अवैध व्यापार संभव नहीं है।

कांग्रेसियों ने सरकार की आबकारी नीति को गलत बताते हुए इस घटना के लिए आबकारी मंत्री प्रकाश पं त को जिम्मेदार ठहराया। प्रदर्शन करने वालों में युंका जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर, पवन माहरा, प्रदेश प्रवक्ता खीमराज जोशी, उपाध्यक्ष अनिल जोशी, कैलाश जोशी, कैलाश जोशी, भूरें मिया अंसारी, तुला सिंह, कमलेश कसनियाल,ऋषभ कल्पासी ,मनोज ठकुराठी, शुभम बिष्ट, योगेश नगरकोटी, जावेद खान, दिनेश भट्ट, रोहन सौन, शहबाज खान, मनोज बिष्ट, रजत विश्वकर्मा आदि शामिल थे।

नगर धनौड़ा वार्ड के नेड़ा में सामाजिक संगठनों की एक बैठक हुई। जिसमें जहरीली शराब से हो रही मौतों पर गहरा रोष जताया गया। वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार ने सख्ती बरती होती तो आज इतनी अकाल मौतें नहीं होती। सामाजिक कार्यकर्ता तारा सिंह ने कहा कि दोनों राज्यों में जहरीली शराब पीने से 98 लोग मौत के आगोश में सो गए हैं । यूपी और उत्त्तराखंड के मुख्यमंत्री मौन बैठे हैं। नैतिकता की दुहाई देने वालों को तत्काल पदों से इस्तीफा देना चाहिए।

बैठक में कै. पीएन शर्मा ,पूर्व प्रधानाध्यापिका कौशल्या देवी, केदार दत्त्त शर्मा, देवकी कोरंगा, दीपा सामंत , प्रियंका , पार्वती चंद , भागीरथी सिंह, रेनू मलड़ा, विनीता कलौनी, चंचल सिंह, सुनीता ओली आदि मौजूद थे।


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