गढ़वाल की झांसी की रानी की जीवन गाथा का किया शानदार मंचन
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एव संस्कृति विभाग देहरादून के तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एव संस्कृति विभाग देहरादून के तत्वाधान में भाव राग ताल नाट्य अकादमी पिथौरागढ़ की ओर से आयोजित पांच दिवसीय रंगोत्सव कार्यक्रम संपन्न हो गया है। अंतिम दिन कलाकारों ने गढ़वाल की झांसी की रानी तीलू रौतेली की जीवन गाथा से जुड़े शानदार नाटक का मंचन किया।
रामलीला मैदान टकाना में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन दिल्ली से आई टीम प्रज्ञा आर्ट्स ने अपनी प्रस्तुति दी। तीलू रौतेली अपने भाईयों की लाडली बहन है। जो अपने मंगेतर के साथ एक खुशहाल जीवन का स्वप्न देखती है, मगर नियति एक ही झटके में ही उसे उसके भाईयों, पिता व मंगेतर से दूर कर देती है। पुरु ष प्रधान समाज में जब स्त्री को पुरुष की छाया मात्र समझा जाता था, उस समय तीलू न केवल अपनी मां को संभाला और अपनी रय्यत और जमींदारी का प्रबंधन भी किया। शत्रुओं के रक्त से अपने पिता और भाईयों का तर्पण करती है। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए इस नाटक को देख सभी भावविभोर हो गए। इस दौरान स्वीप कार्यक्रम के तहत एक नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया। टीम की निर्देशक लक्ष्मी रावत थी। नाटक में प्रज्ञा रावत, राजू राजे सिंह, जितेश शर्मा, वासु सिंह, अमित राय, सोनाली मिश्रा, रु पाली रावत, कुसुम चौहान, पीएस चौहान, प्रज्ञा टम्टा, अमन शर्मा, विक्रांत शर्मा, आकाश दक्ष, संतोष आदि पात्र थे। समापन अवसर पर नाट्य अकादमी के निर्देशक कैलाश कुमार ने सभी का आभार जताया।