प्रत्याशियों की पहली पंसद ग्राम प्रधान बनना
जागरण संवाददाता पिथौरागढ़ पंचायती चुनाव में ग्राम प्रधान पद प्रत्याशियों की पहली पंसद बना हुआ
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: पंचायती चुनाव में ग्राम प्रधान पद प्रत्याशियों की पहली पंसद बना हुआ है। जिले की इक्का दुक्का ग्राम पंचायतों को छोड़ कर अन्य पंचायतों में अधिकांश लोग ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने के इच्छुक नजर आ रहे हैं। वहीं क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत सदस्य के लिए ग्रामीणों में कोई उत्सुकता नजर नहीं आ रही है।
अभी तक हुए नामांकन और नामांकन पत्रों की बिक्री से स्पष्ट हो रहा है कि अधिकांश लोग ग्राम प्रधान बनने के इच्छुक हैं। छोटी -छोटी ग्राम पंचायतों में भी प्रधान के लिए नामांकन सबसे अधिक हो रहे हैं। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ग्राम प्रधान के लिए युवा, महिला और बुजुर्ग सभी प्रधान के लिए दीवाने नजर आ रहे हैं। अलबत्त्ता आरक्षण के चलते कई लोगों की हसरतें पूरी नहीं हो पाई हैं परंतु ऐसे लोग परोक्ष रू प से चुनाव में नजर आ रहे हैं। किसी ने पत्नी को प्रत्याशी बनाया है तो कोई अनुज बहू और भाभी को प्रत्याशी बना कर सक्रिय नजर आ रहे हैं। अभी तक के नामांकन बता रहे हैं कि नब्बे फीसद से अधिक ग्राम पंचायतों में प्रधान के लिए चार या उससे अधिक नामांकन होने जा रहे हैं।
प्रधान पद के इस आकर्षण का सीधा प्रभाव अब गावं के सद्भाव पर देखने को मिल रहा है। जिले में अधिकांश गांव कम जनसंख्या वाले हैं। पलायन के चलते मतदाताओं की संख्या कम हो चुकी है। ऐसे छोटे गांवों में अब राठवाद पनपने लगा है। बड़ी राठ वाले अपने को बीस मान रहे हैं। वहीं कल तक के दोस्त अब प्रधान के चुनाव में आमने सामने खड़े हैं। ज्यों ज्यों चुनाव की तिथि निकट आएगी यह वैमनस्य आगे बढ़ता जाएगा। जिला मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायतों में तो प्रधान पद के लिए गांव से प्रत्याशियों की संख्या बढ़ते ही मीटिंग हो रही हैं। बैठकों में तक एक राय नहीं बन पा रही है। दूसरी तरफ क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए इतना आकर्षण नजर नहीं आ रहा है।