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चीन के सामान का आकर्षण तो स्थानीय उत्पादों की धूम

जौलजीवी मेला भारत नेपाल सीमा पर काली और गोरी नदियों के संगम स्थल जौलजीबी में चल रहा है। मेले में चीनी सामान के साथ साथ भारतीय उत्पादों की भी खूब धूम है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 11:22 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:13 AM (IST)
चीन के सामान का आकर्षण तो स्थानीय उत्पादों की धूम
चीन के सामान का आकर्षण तो स्थानीय उत्पादों की धूम

संवाद सूत्र, धारचूला/ जौलजीवी : भारत नेपाल सीमा पर काली और गोरी नदियों के संगम स्थल जौलजीबी मेले में रौनक बढ़ने लगी है। रविवार से मेला पूरे यौवन पर पहुंचेगा। रविवार से भी भारत और नेपाल के स्थानीय लोग मेले में शिरकत करेंगे। नेपाल में मेले का शुभारंभ होगा।

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जौलजीबी मेले का सरकारी तौर पर 14 नवंबर को उद्घाटन हुआ परंतु मेला वास्तविक रू प से मार्गशीर्ष संक्रांति से प्रारंभ होता है। रविवार को संक्रांति है जिसके चलते अब स्थानीय लोग मेले में प्रतिभाग प्रारंभ करेंगे । नेपाल के जौलजीबी में रविवार को ही मेले का उद्घाटन हो रहा है। नेपाल में उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर हैं। नेपाल के किसी मंत्री द्वारा मेले का उद्घाटन किए जाने की सूचना है। नेपाल का मेला क्षेत्र भी सज गया है और दुकानें लग चुकी हैं। भारत की तर्ज पर ही नेपाल में भी सांस्कृतिक टीमें सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेगी। नेपाल के नामी गिरामी कलाकार जौलजीबी मेले में अपनी प्रस्तुति देंगे। दोनों देशों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेलार्थियों की आवाजाही से मेले में भारी भीड़ जुटने की संभावना है।

शुक्रवार की रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची रही। देर रात तक भारत और नेपाल के मेलार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रमों का आनंद उठाया। वहीं तीसरे देश तिब्बत (चीन) के सामान मेलार्थियों को आकर्षित कर रहा है। भारतीय क्षेत्र में इस समय सबसे अधिक दुकानें चीन से आयातित सामान की हैं। जिसमें जैकेट, साबर के जूते, चीनी शर्ट, चौरगाय की पूंछ व अन्य सामान मेलार्थियों को लुभा रहा है। इसके अलावा स्थानीय उत्पादों की धूम मची हुई है। अत्याधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उत्पादित दुलर्भ काला और रंगविरंगी राजमा से लेकर काले भट्ट सहित अन्य जड़ी बूटियां मेले में पहुंच चुकी हैं।

मेले में एक्शन एड के सहयोग से स्थानीय महिला किसान संगठन द्वारा स्थानीय उत्पाद मडुआ, काला भट्ट, सोयाबीन ,उड़द, जैविक खाद, सूखी मूली, काला जीरा, मक्के का आटा मेलार्थियों की पहली पसंद बने हैं। तो मुनस्यारी के उमरगड़ा से लुप्त हो चुके लकड़ी के बर्तन लेकर पहुंचे पुष्कर राम और जानकी देवी का स्टाल लोगों को आकर्षित कर रहा है। मेले में परंपरागत लकड़ी के नाली, चकला , बेलन, पलटा, करछी, हुड़का बिक रहा है। शनिवार को एनसीसी राइंका जौलजीबी के कैडेट्स ने शिक्षक डीएन भट्ट के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाया और मेलार्थियों को मेले में गंदगी नहीं फैलाने का संदेश दिया। दिन भर विद्यालयों की खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक मंच का संचालन शंकर भट्ट, एलएस बिष्ट ने किया।


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