पानी के साथ उतरने की चुनौती थी रोमांचक
पिथौरागढ़ में अभी तक पर्वतारोहण शिलारोहण पैराग्लाइडिंग पैरा सीलिंग रीवर क्रासिंग की थी।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : अभी तक पर्वतारोहण, शिलारोहण, पैराग्लाइडिंग, पैरा सीलिंग, रीवर क्रासिंग की थी। झरने में पानी के साथ पहली बार रैपलिंग करने का अवसर एक चुनौती थी। दिल में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने का संकल्प था, जिसके लिए विगत कई माह से मानसिक और शारीरिक रू प से तैयारी की थी। रविवार को अति तीव्र वेग वाले झरने में पानी के साथ 148 मीटर नीचे उतरना एक जबरदस्त चुनौती थी। इस चुनौती को पार करने का संकल्प आखिर काम आया। हमारी संस्था ने यह राष्ट्रीय रिकार्ड कायम किया है। रैपलिंग के दौरान जो चुनौती लग रही थी वह झील पर उतरते ही कार हो गई।
यह कहना है झरने के पानी के साथ 148 मीटर की रैपलिंग करने में सफल मनीष कसनियाल और जया क्षेत्री का। मनीष कसनियाल आइस संस्था का सबसे युवा पर्वतारोही है। अब तक एक दर्जन चोटियों पर फतह कर चुके मनीष का आने वाले वर्ष एवरेस्ट अभियान के लिए चयन हुआ है। साहसिक खेलों में अपनी प्रतिभा का कई बार प्रदर्शन कर चुके मनीष का कहना है कि उसका लक्ष्य लिम्का बुक आफ रिकार्ड में आने का है। मनीष ने अपनी इस सफलता का श्रेय आइस संस्था के अध्यक्ष प्रमुख पर्वतारोही विश्वदेव पांडेय बासु को दिया है। जया क्षेत्री प्रमुख पर्वतारोही होने के साथ एक सफल गृहिणी भी है। एक बच्चे की मां होने के बाद जया के साहस का जज्बा बरकरार है। जिसे जया ने शनिवार को सच साबित कर दिखाया। झरने के साथ सफल रैपलिंग करने वाली जया ने इस अभियान को अपने जीवन का सबसे अद्भुत और रोमांचकारी बताया। उन्होंने कहा कि उनकी आइस संस्था ने झरने के पानी के साथ रैपलिंग का जो राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया है वह सबसे बड़ी उपलब्धि है। आइस संस्था के बासु पांडेय ने कहा कि यह संस्था की टीम वर्क का परिणाम है। संस्था का लक्ष्य इस राष्ट्रीय रिकार्ड को बनाने का था। शनिवार को संस्था के सदस्यों ने इसे सच साबित कर दिखाया। भविष्य में संस्था का उद्देश्य साहसिक खेलों में कुछ नया करने का है। उन्होंने इस सफलता के लिए प्रशासन, केएमवीएन सहित अन्य सहयोगियों का आभार जताया।