दुष्कर्म के दोषी को दस साल का कठोर कारावास
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: घर में घुसकर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाले ग्रामीण मजदूर को
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: घर में घुसकर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाले ग्रामीण मजदूर को न्यायालय ने दस वर्ष के कठोर कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। आरोपी को दो धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक थल तहसील क्षेत्र के एक गांव में 30 जुलाई 2017 को 50 वर्षीय सुरेश चंद्र पाठक ने घर में घुसकर एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म किया। घटना के वक्त नाबालिग के माता-पिता खेतों में काम करने के लिए गए हुए थे। माता-पिता के घर लौटने पर पीड़िता ने घटना की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने गांव के ही व्यक्ति द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देने पर विश्वास नहीं किया। इसके बाद नाबालिग तनाव में आ गई। बीस दिन बाद उसे उपचार के लिए बागेश्वर अस्पताल ले जाया गया तो चिकित्सकों ने उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि की। इस पर परिजनों ने राजस्व पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। राजस्व पुलिस ने दुष्कर्म और पॉस्को अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया और विवेचना के बाद मामला न्यायालय के समक्ष पेश किया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। उन्होंने आरोपी को दोषी मानते हुए धारा 376, पॉस्को अधिनियम के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 450 के तहत अभियुक्त को पांच वर्ष के कारावास, पांच हजार अर्थदंड की सजा दी गई। अर्थदंड अदा न करने पर उसे तीन माह का कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में कुल आठ गवाह न्यायालय के समक्ष पेश किए।