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पितृ दिवस पर स्वामी गुरुकुलानंद कच्चाहारी को किया सम्मानित

अपना जीवन समाज की सेवा के लिए लगाने वाले पूर्व मेडिकल ऑफीसर स्वामी गुरु कुलानंद को सम्मानित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 10:20 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 10:20 PM (IST)
पितृ दिवस पर स्वामी गुरुकुलानंद कच्चाहारी को किया सम्मानित
पितृ दिवस पर स्वामी गुरुकुलानंद कच्चाहारी को किया सम्मानित

जासं, पिथौरागढ़: अपना जीवन समाज की सेवा के लिए लगाने वाले पूर्व मेडिकल ऑफीसर स्वामी गुरु कुलानंद सरस्वती को फादर्स डे पर समाजसेवियों और शिक्षाविदों ने सम्मानित किया।

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समाज सेवी जुगल किशोर पांडेय की पहल पर फादर्स डे पर समाज को अपना परिवार मानने वाले प्रत्येक बेटे और बेटी को अपने पुत्र और पुत्री की तरह स्नेह देने वाले स्वामी डा. कच्चाहारी को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम के तहत कच्चाहारी कुटी में आयोजित सूक्ष्म कार्यक्रम में उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सम्मानित करने वालों ने कहा कि स्वामी कच्चाहारी समाज को एक पिता की तरह ही मार्गदर्शन देते हैं। उन्होंने समाज के लिए अपना जीवन उत्सर्ग किया है।

वक्ताओं ने कहा कि यह पहल स्वागत योग्य है। फादर्स डे पर डा. कच्चाहारी का सम्मान नई पीढ़ी के लिए एक अनुकरणीय पहल बताया। इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि बड़ों को सम्मान देना ही पितृ दिवस की सार्थकता है। सम्मानित करने वालों में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के ललित पंत, शिक्षाविद् गंगा दत्त जोशी, गोपाल दत्त्त सती, जुगल किशोर पांडेय आदि मौजूद थे। ========== नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में मना गंगा दशहरा द्वार पर्व

चम्पावत : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को गंगा दशहरा पर्व सादगी के साथ मनाया गया। पुरोहितों ने यजमानों तक गंगा दशहरा द्वार पत्र पहुंचाए, जिसे लोगों ने स्नान व पूजा के बाद उन्हें घर के द्वार पर लगाया। मान्यता है कि इस दिन घरों पर गंगा दशहरा पत्र लगाने से प्राकृतिक आपदाओं और आकाशीय बिजली से घर की सुरक्षा होती है। घरों के साथ मंदिरों में भी सुबह पूजा-अर्चना की गई। मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा। चम्पावत के बालेश्वर, डिप्टेश्वर, गोल्ज्यू आदि मंदिरों में भीड़ रही। लोहाघाट के ऋषेश्वर घाट में स्नान कर लोगों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। पाटी, बाराकोट विकास खंडों में भी गंगा दशहरा पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। कोरोना के कारण इस बार पर्व को लेकर सार्वजनिक तौर पर धार्मिक कार्यक्रम नहीं हुए।


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