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बर्फीले तूफान ने रोकी पर्वतारोहियों की राह, तीन सदस्य खाई में गिरे; लौटा दल

उच्च हिमालयी की पंचाचूली पर्वतमाला की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के आरोहण को गया 10 सदस्यीय दल बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया। तीन सदस्य डेढ़ सौ मीटर खाई में गिरने के बाद भी सकुशल रहे।

By Edited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 10:56 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 09:12 PM (IST)
बर्फीले तूफान ने रोकी पर्वतारोहियों की राह, तीन सदस्य खाई में गिरे; लौटा दल
बर्फीले तूफान ने रोकी पर्वतारोहियों की राह, तीन सदस्य खाई में गिरे; लौटा दल

पिथौरागढ़, [जेएनएन]: उच्च हिमालयी की पंचाचूली पर्वतमाला की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के आरोहण को गया 10 सदस्यीय दल बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया। कमर में रस्सियां बंधी होने से तीन सदस्य डेढ़ सौ मीटर खाई में गिरने के बाद भी सकुशल रहे। 

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कुमाऊं मंडल विकास निगम और महिंद्रा एंड महिंद्रा के बैनर तले गया दल बर्फीले तूफान के चलते अभियान बीच में छोड़ कर लौट आया है। पंचाचूली-5 चोटी 6437 मीटर के आरोहण को 18 अक्टूबर को 10 सदस्यीय पर्वतारोही दल रवाना हुआ था। इनके अलावा सात गाइड, हैल्पर और पोटर शामिल थे, जिन्हें आधार शिविर तक जाना था। 

धारचूला से दारमा के दांतू गांव पहुंच कर दल ने 21 अक्टूबर से अभियान शुरू किया। दल के लीडर धारचूला निवासी एवरेस्ट विजेता योगेश गब्र्याल थे। 42 सौ मीटर की ऊंचाई पर दल ने बेस कैंप बनाया था। जहां से आरोहण प्रारंभ हुआ। 

पर्वतारोही जब 5500 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचे तो तेज बर्फीला तूफान आ गया।। अचानक एवलांच आने से तीन पर्वतारोही लगभग 150 मीटर नीचे खाई में जा गिरे। इस दौरान सभी के कमर में रस्सी बंधी होने से तीनों पर्वतारोही बाल-बाल बच गए। साथियों ने उन्हें रस्सी खींच कर निकाला। इसके बाद पर्वतारोही दल को वापस लौटना पड़ा। टीम लीडर योगेश गर्ब्याल  ने बताया कि टीम अब जून 2019 में पंचाचूली-5 के आरोहण का अभियान चलाएगी। 

बर्फबारी को लेकर पर्वतारोही अचंभित 

पर्वतारोहियों ने पंचाचूली में अक्टूबर माह में इतनी अधिक बर्फबारी पर आश्चर्य जताया है। टीम लीडर योगेश जो स्वयं इस क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जितनी बर्फ थी उतनी बर्फ नवंबर के मध्य माह में होती है। उन्होंने बताया कि बर्फीले तूफान के दौरान चोटियों में चार फीट बर्फ गिरी। 

पंचाचूली दो और पांचवी चोटी सबसे कठिन 

पांच चोटियों वाली पंचाचूली की दो और पांच नंबर की चोटियां आज भी सबसे दुर्गम मानी जाती हैं। इन चोटियों में दो नंबर की 6904 मीटर यानी सबसे ऊंची है। इसके अलावा अन्य चोटियों की ऊंचाई 6355 मी, 6314 मी, 6334 मीटर और 6437 मीटर हैं। पंचाचूली आरोहण अभियान 1972 और 2003 में चला था। 2003 में पर्वतारोहण अभियान के दौरान आइटीबीपी के सात पर्वतारोही बर्फीले तूफान की चपेट में आकर लापता हो गए थे।

पर्वतारोही सदस्यों के नाम 

योगेश गर्ब्याल टीम लीडर मुकेश गर्बायल,  शीतल राज कर्मा, अशुंल ह्यांकी, चंद्रमोहन पांडेय, वंदना खैर, हेमोंता बोरा, स्वप्निल, गाइड हैल्पर पोर्टर पसांग, शेरपा दवा लामा, पैम्बा, गणेश, दुग्ताल, नवीन ग्वाल, प्रताप। 

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