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चीन सीमा पर तस्करों ने संरक्षित थुनेर के एक दर्जन पेड़ काटे

संवाद सूत्र, मुनस्यारी: मुनस्यारी-मिलम मार्ग में राड़ा मैन सिंह टॉप के जंगल में अज्ञात वन तस्करों ने स

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 05:01 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 05:01 PM (IST)
चीन सीमा पर तस्करों ने संरक्षित थुनेर के एक दर्जन पेड़ काटे
चीन सीमा पर तस्करों ने संरक्षित थुनेर के एक दर्जन पेड़ काटे

संवाद सूत्र, मुनस्यारी: मुनस्यारी-मिलम मार्ग में राड़ा मैन सिंह टॉप के जंगल में अज्ञात वन तस्करों ने संरक्षित श्रेणी में आने वाले एक दर्जन थुनेर के वृक्ष काट दिए और रात को ही लकड़ी पार कर दी। अभी तक वन विभाग के कोई भी अधिकारी, कर्मचारी यहां तक नहीं पहुंचा है।

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मुनस्यारी से मिलम मार्ग में 24 किमी की दूरी पर स्थित राड़ा मैन सिंह टॉप में अज्ञात लोगों ने थुनेर के एक दर्जन वृक्ष काट कर साफ कर दिए। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मुनस्यारी के पातलथौड़ में ईको टूरिज्म विकसित करने में व्यस्त हैं और तस्कर संरक्षित श्रेणी के पेड़ों का सफाया करने में तुले हैं। तस्करों द्वारा राड़ा मैन सिंह टॉप में 50 से 60 साल पुराने थुनेर के एक दर्जन पेड़ साफ कर दिए। इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों ने थुनेर के पेड़ नहीं दिखने पर जब देखा तो एक दर्जन बड़े पेड़ साफ थे। वहां पर थुनेर के वृक्षों की टहनियां और बिखरे टुकड़े मिले। इसकी सूचना तहसील मुख्यालय और वन विभाग को दी गई। सूचना के बाद भी वन विभाग के अधिकारी तो दूर कोई कर्मचारी तक यहां नहीं पहुंचा है। वन तस्कर औषधीय वृक्षों पर आरी चला रहे हैं। जिसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा पेड़ों को सुरक्षित रखते बड़ा किया गया और वन विभाग की लापरवाही से पेड़ तस्करों की भेंट चढ़ रहे हैं।

कैंसर की दवा है थुनेर मुनस्यारी: वानस्पतिक नाम बोकाटा टैक्सास यानि थुनेर कैंसर की दवा है। थुनेर में पाया जाने वाला टैक्सास से कैंसर की दवा बनती है। यह समुद्रतल से 24 सौ से 28 सौ मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इससे कम ऊंचाई वाले थुनेर में वह तत्व काफी कम रहते हैं। औषधीय वृक्ष होने से इसे संरक्षित श्रेणी में रखा गया है। इस वृक्ष की छाल का चूरा बना कर स्थानीय लोग इसकी चाय पीते हैं जो गुणकारी होने के साथ ही ठंडे इलाकों में गर्मी देती है। औषधीय पेड़ होने से इसकी जड़ से लेकर पत्तियां तक काम आती हैं। .........

इन स्थानों पर पाए जाते हैं थुनेर मुनस्यारी के क्वीरी जीमिया, राड़ा मैन सिंह टॉप, नामिक, थामरी कुंड, नागनीधूरा, गांधीनगर , हुमाधुरा और चौना गांव में थुनेर के वृक्ष पाए जाते हैं। चौना गांव के ऊपर तो मोनाल की बीट में आए बीजों से थुनेर का जंगल बना है। वहीं वन विभाग द्वारा थुनेर को बचाने के लिए मुनस्यारी के पातलथौड़ में करोड़ों की लागत से थुनेर की नर्सरी तैयार की गई है। थुनेर के वृक्ष काटे जाने की सूचना मिली है। विभाग की एक टीम क्षेत्र को रवाना कर दी गई है। यह टीम तस्करों का पता लगाएगी। टीम के वापस लौटने के बाद आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

विनय भार्गव, वनाधिकारी पिथौरागढ़


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