पिथौरागढ़ जिले में बनेंगी छह नई लघु जल विद्युत योजनाएं
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पर्वतीय क्षेत्रों में हाइड्रो पावर को बढ़ावा देने के लिए सीमांत जिले
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पर्वतीय क्षेत्रों में हाइड्रो पावर को बढ़ावा देने के लिए सीमांत जिले पिथौरागढ़ में छह नई जल विद्युत योजनाओं बनाई जाएंगी। जिले की तीन सीमांत तहसीलों में बनने वाली इस योजनाओं से पहाड़ के गांवों को रोशन करने में मदद मिलेगी।
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में हाइड्रो पावर की असीम संभावनाएं है। वर्तमान में लघु जल विद्युत निगम और एनएचपीसी जिले में हाइड्रो पावर तैयार कर रही हैं। कुछ वर्ष पूर्व तीन मेगावाट से कम क्षमता की नई योजनाएं तैयार करने का दायित्व लघु जल विद्युत निगम से वापस लेकर उरेडा को सौंपा गया था। उरेडा ने विभिन्न छोटी नदियों का सर्वे कर छह नई योजनाएं बनाने की संभावनाओं का पता लगाया था। विभाग ने सर्वे कर इन नदियों में 500 मेगावाट से 1.5 मेगावाट तक की जल विद्युत योजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिए हैं। इन योजनाओं के निर्माण में 20 करोड़ की धनराशि खर्च होगी। उत्पादित बिजली से संबंधित क्षेत्र के आस-पास के गांव रोशन होंगे। इन जगहों पर बनेंगी नई योजनाएं स्थल क्षमता 1. जिमीगाड़ 1350 किलोवाट
2. जाबुकाथल 1.0 मेगावाट
3. कटियानी 500 किलोवाट
4. धापुवागाड़ 600 किलोवाट
5. मिर्थी 100 किलोवाट
6. चर्मागाड़ 700 किलोवाट
योजनाओं के प्रस्ताव तैयार हो चुके हैं। इन्हें शासन को भेजा गया है। इन्हें स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है। स्वीकृति के बाद डीपीआर तैयार होगी। प्रत्येक योजना में एक किलोवाट उत्पादन के लिए केंद्र सरकार से 75000 का अंशदान मिलेगा। शेष धनराशि राज्य सरकार देगी। एके शर्मा, परियोजना अधिकारी, उरेडा