शौर्य चक्र विजेता देवेंद्र की शहादत को भूला प्रशासन
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सोमालिया में शहीद हुए पिथौरागढ़ के जांबाज शौर्य चक्र विजेता देवेंद
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सोमालिया में शहीद हुए पिथौरागढ़ के जांबाज शौर्य चक्र विजेता देवेंद्र चंद की शहादत को प्रशासन और सेना भूल गई है। शहादत दिवस पर बुधवार को किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने शहीद को श्रद्धांजलि देने की जरू रत नहीं समझी। वहीं, सेना की ओर से भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। इससे शहीद के परिजनों में रोष व्याप्त है। परिजनों ने घर में ही फूलों की माला अर्पित कर शहीद देवेंद्र को श्रद्धांजलि दी।
जिला मुख्यालय के नजदीकी आठगांव शिलिंग क्षेत्र के बुंगा निवासीदेवेंद्र चंद वर्ष 1991 में सेना की पांच महर रेजीमेंट में भर्ती हुए। वर्ष 1994 में वह सोमालिया में शांति सेना में तैनात थे। उसी वर्ष 22 अगस्त को वह शहीद हो गए। उनके इस अदम्य साहस को देखते हुए भारत सरकार द्वारा उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र दिया गया। देश को दिए गए उनके बलिदान को देखते हुए जिला मुख्यालय में टकाना तिराहे के पास उनकी प्रतिमा बनाई गई थी। जहां हर वर्ष 22 अगस्त को उनकी पुण्यतिथि पर प्रशासन, सेना, राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों के लोगों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती थी, मगर इस वर्ष सभी उनके शहादत दिवस को भूल गए। बुधवार को शहीद देवेंद्र का स्मारक वीरान पड़ा रहा, उनकी प्रतिमा में फूल तक नहीं चढ़ाए गए। प्रशासनिक अधिकारियों और सेना के अधिकारियों के पास शहीद को श्रद्धांजलि देने तक का समय नहीं था। शहीद के बड़े भाई विक्रम चंद ने बताया कि यह पहली बार हुआ है जब उनके भाई को श्रद्धांजलि नहीं दी गई। विगत वर्षों तक उन्हें पहले ही श्रद्धांजलि कार्यक्रम हेतु सूचना दे दी जाती थी, मगर इस बार किसी ने भी उन्हें सूचना नहीं दी। इससे शहीद के परिवार को गहरा दुख पहुंचा है।