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Sharda Barrage Bridge: इंडो नेपाल मैत्री बस पर रोक लगाने के लिए सिंचाई विभाग ने नेपाल को लिखा पत्र

Sharda Barrage Bridge is in Danger इंडो नेपाल को जोड़ने के लिए शारदा नदी पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने लगभग 94 वर्ष पूर्व शारदा बैराज बनाया। बैराज की मियाद समाप्त होने के बाद इस पर बड़े और भारी वाहनों की आवाजाही पर बैराज प्रशासन ने रोक लगा दी है।

By vinay sharmaEdited By: Skand ShuklaPublished: Sun, 02 Oct 2022 01:46 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 01:46 PM (IST)
Sharda Barrage Bridge: इंडो नेपाल मैत्री बस पर रोक लगाने के लिए सिंचाई विभाग ने नेपाल को लिखा पत्र
मैत्री बसों की बैराज से आवाजाही पर रोक लगाने को नेपाल प्रशासन को लिखा पत्र

संवाद सूत्र, बनबसा : Sharda Barrage Bridge: सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश बरेली उपखंड ने नेपाल प्रशासन को पत्र भेजकर शारदा बैराज पुल की सुरक्षा को देखकर मैत्री बसों को रोके जाने को कहा है। पत्र में कहा गया कि मैत्री बसों का वजन 10 टन से अधिक होने के कारण बसों के बैराज से गुजरने से बैराज की सुरक्षा को खतरा है।

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इंडो नेपाल को जोड़ने के लिए शारदा नदी पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने लगभग 94 वर्ष पूर्व शारदा बैराज बनाया। बैराज की मियाद समाप्त होने के बाद इस पर बड़े और भारी वाहनों की आवाजाही पर बैराज प्रशासन ने रोक लगा दी है।

भारत नेपाल के बीच मैत्री बसों के नाम से नेपाल से चल रही प्राइवेट बसों की आवाजाही बदस्तूर जारी है। इन खाली बसों का वजन ही 10 टन से अधिक है। जबकि इन बसों में लगभग 40 से 50 यात्री और उनका भारी सामान भी लादा जाता है। जिससे इन बसों का वजन कई टन और बढ़ जाता है और यह बसें बेराज से प्रतिदिन आवाजाही करती हैं।

सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश उपखंड बरेली ने बैराज की सुरक्षा को देखते हुए नेपाल से बसों को संचालित करने वाले प्राइवेट महाकाली बस, पवन दूत, श्री पवन दूत और क्षेत्रीय प्रबंधक साहिबाबाद डिपो उत्तर प्रदेश , सहायक महाप्रबंधक परिवहन विभाग टनकपुर को पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से 10 टन से अधिक भार वाले वाहनों का संचालन शारदा बैराज पुल से नहीं करने की बात कही गई है।

ब्रिटीश कालीन है शारदा बैराज का पुल

सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश बनबसा के एसडीओ प्रशांत कुमार वर्मा ने बताया कि यह बैराज 1928 का बना हुआ है जो कि ब्रिटिश कालीन है।lउन्होंने बताया कि समय के साथ बैराज की क्षमता कम हुई है और कहो जर्जर भी हो चुका है। अभी बैराज की क्षमता लगभग 10 टन ही है।

उन्होंने बताया कि बैराज की सुरक्षा के मद्देनजर सिंचाई विभाग प्रशासन द्वारा बैराज से बड़े और भारी वाहनों की आवाजाही पर एक अक्टूबर से रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि भारत नेपाल के बीच चलने वाली मैत्री बसों का वजन 10 टन से अधिक होना पाए गए हैं इसलिए इन बसों पर बैराज से आवाजाही नहीं होने दी जाएगी।


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