रिवर चैनेलाइजेशन के सीमांकन से ग्रामीण आक्रोशित
रामगंगा नदी में भैंसखाल के पास रिवर ट्रेनिंग और चैनेलाइज के विरोध में ग्रामीण लामबंद हो गए है।
संवाद सूत्र, नाचनी (पिथौरागढ़) : रामगंगा नदी में भैंसखाल के पास रिवर ट्रेनिंग और चैनेलाइज के टेंडर जारी हो चुके हैं। खान एवं खनन विभाग तथा राजस्व विभाग द्वारा रिवर चैनेलाइज के लिए किए गए सीमांकन को लेकर ग्रामीण खफा है। ग्रामीणों ने रातीगाड़ से हरड़िया तक का सीमांकन नहीं किए जाने पर रोष जताते हुए जिलाधिकारी से इस मामले की जांच की मांग की है।
भैंसखाल के रातीगाड़ से लेकर नाचनी के हरड़िया तक रामगंगा नदी कहर बन कर टूटती है। इस स्थान पर भी सर्वाधिक खतरा बना रहता है। ग्रामीण विगत लंबे समय से यहां पर रिवर चैनेलाइज और ट्रेनिंग चलाने की मांग करते आ रहे है। यहां पर जमा रेत के चलते कई बार रामगंगा नदी का प्रवाह तक थम गया था। इस मांग पर भैंसखाल में रिवर ट्रेनिंग और चैनेलाइज स्वीकृत हुआ और टेंडर भी लग गए। बुधवार को सीमांकन के लिए खान एवं खनन विभाग और राजस्व विभाग की टीम पहुंची। उक्त टीम ने ग्राम पंचायत को किसी तरह की सूचना नहीं दी।
ग्राम प्रधान राजेश सिंह का आरोप है कि बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए ही सर्वे टीम ने सीमांकर खोपरिया नाले के निचले हिस्से में कर दिया। ग्राम प्रधान का कहना है कि रिवर चैनेलाइज खोपरिया, रातीगाड़ नाले से हरड़िया नाले तक होना था। प्रधान का कहना है कि चैनेलाइज के लिए जिस स्थल का सीमांकन किया गया है उससे ग्रामीणों को किसी तरह का लाभ नहीं मिलने वाला है। जिलाधिकारी को भेजे पत्र में प्रधान ने कहा है कि जिस स्थल का सीमांकन किया गया है उससे जनहित संभव नहीं है। अविलंब नए सिरे से सीमांकन करने की मांग की । उनका कहना है कि रिवर चैनल के माध्यम से आपदा से बचाव है, परंतु जिस ढंग से सीमांकन किया गया है उससे जनता को मानसून काल में किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी। ========= धौली नदी में रिवर चैनल निरस्त कराने की मांग
धारचूला : ग्राम पंचायत न्यू के भेजी में धौली गंगा नदी में रिवर चैनल का ग्रामीणों ने विरोध किया है। जिलाधिकारी को ज्ञापन भेज कर रिवर चैनल निरस्त करने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत न्यू के भेती में रिवर चैनल के तहत आरबीएम की नीलामी होनी है। ग्रामीणों का कहना है कि इस स्थल पर वर्ष 2013 की आपदा के दौरान बीस नाली नाप भूमि और बीस नाली बेनाप भूमि और तवाघाट -सोबला के मध्य तीन सौ मीटर मार्ग बह गया था। शेष बची बीस नाली नाप भूमि और पंचायत की भूमि पर बीआरओ मार्ग बना चुका है। सड़क और भूमि से रिवर चैनल की दूरी मात्र 50 मीटर है। यहां पर रिवर चैनल का कार्य होने से भूमि सहित आवासों को खतरा होने वाला है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि पूर्व में ही इसका विरोध किया जा चुका है। डीएम से ग्रामीणों की आपत्ति को मद्देनजर रख कर इसे निरस्त कराने की मांग की है।