Move to Jagran APP

सड़क किनारे उगी झाड़ियां दे रही हादसों को दावत

थल-नाचनी सड़क किनारेदोनों ओर बड़ी झाड़ियां उगी हैं। जिस कारण मार्ग झाड़ियों से पट चुका है। यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 11:34 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 11:34 PM (IST)
सड़क किनारे उगी झाड़ियां दे रही हादसों को दावत
सड़क किनारे उगी झाड़ियां दे रही हादसों को दावत

संवाद सूत्र, थल : थल-नाचनी सड़क किनारेदोनों ओर बड़ी झाड़ियां उगी हैं। जिस कारण मार्ग झाड़ियों से ढक चुका है। तीव्र मोड़ों पर सड़क खोजनी पड़ रही है। इससे मार्ग में हर समय दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग अभी तक नींद से नहीं जागा है। विभाग की इस लचर कार्यप्रणाली पर स्थानीय लोगों में आक्रोश बना हुआ है।

loksabha election banner

दस किमी लंबी थल-नाचनी सड़क किनारे लंबे समय से झाड़ियां उगी हुई हैं। जिस कारण वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोड़ों पर हादसे की आशंका बनी हुई है। वहीं, झाड़ियों से खतरनाक जंगली जानवरों के छिपने का खतरा भी बना हुआ है। इस मार्ग में हर रोज सुबह व शाम के समय घूमने जाने वाले लोग डर के साये में आवागमन कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक भैंसोड़ा ने बताया कि विभाग से कई बार मार्ग से झाड़ियों का कटान करने की शिकायत की जा चुकी है। बावजूद इसके विभाग इस ओर उदासीन बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि अविलंब मार्ग से झाड़ियों नहीं हटाई गईं तो क्षेत्र की जनता उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी। जिसकी जिम्मेदारी लोनिवि डीडीहाट की रहेगी।

इधर दस वर्ष पूर्व निर्मित मस्मोली-चलमोड़ी सड़क का अभी तक डामरीकरण नहीं होने से जनता में आक्रोश व्याप्त है। वहीं विकास खंड कनालीछीना के दिगरा से सिंगाली तक सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि का भी मुआवजा नहीं दिए जाने से ग्रामीण आंदोलन की तैयारी में हैं।

दस वर्ष पूर्व सानदेव-मस्मोली से चलमोड़ी तक सड़क का निर्माण किया गया। दस वर्ष बीतने के बाद भी सड़क का डामरीकरण नहीं हुआ है। मार्ग का डामरीकरण नहीं होने से सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बने हैं जिनमें वाहनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। हर पल दुर्घटना का खतरा बना रहता है। जिसे लेकर ग्रामीण गहरे रोष में हैं। इस संबंध में जनता द्वारा विभाग सहित विधायक से मांग की जा चुकी है इसके बाद भी डामरीकरण नहीं किया जा रहा है। सड़क की हालत यह है कि नाले बह रहे हैं।

दूसरी तरफ विकास खंड कनालीछीना के सिंगाली से दिगरा तक सड़क निर्माण हुए आठ वर्ष से अधिक हो चुके हैं। सड़क के लिए ग्रामीणों की अधिग्रहीत भूमि का अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष किशन भंडारी ने दोनों सड़कों की दशा को लेकर रोष जताया है। कहा कि सानदेव -मस्मोली- चलमोड़ी सड़क से लगभग पांच हजार की आबादी जुड़ी है। सड़क की हालत इतनी दयनीय है कि ग्रामीण अपने बाजार थल पैदल आते हैं। दूसरी तरफ दिगरा-सिंगाली मार्ग में गरीब किसानों की भूमि अधिग्रहीत कर सड़क काटी गई और मुआवजा देने की याद नहीं रही। उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र भेज कर एक सड़क का डामरीकरण करने तथा ग्रामीणों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है। इस माह के अंत तक प्रक्रिया प्रांरभ नही होने पर दिसंबर माह से आंदोलन की धमकी दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.