रं समाज ने धूमधाम से मनाई नंद राम लाला की 86वीं जयंती, भाषा और संस्कृति संरक्षण को समाज ने की नई पहल
पिथौरागढ़ के धारचूला में रं समाज ने नंद राम लाला की 86वीं जयंती धूमधाम से मनाई।
धारचूला, जेएनएन : रं समाज ने प्रतिवर्ष दस जनवरी को रं भाषा दिवस मनाने का निर्णय लिया है। यह दिवस रं रत्न और प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्व. नंद राम लाला के जन्म दिवस पर मनाया जाएगा।
शुक्रवार को रं रत्न स्व. नंद राम लाला के 86वें जन्मदिन को रं ल्व दिवस के रू प में मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि स्व. नंद राम लाला की पत्नी कुंती देवी और विशिष्ट अतिथि उनके पुत्र पुष्कर लाला थे। अतिथियों द्वारा स्व. नंद राम लाला के चित्र का माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान दारमा, व्यास, चौदास और नेपाल के शौका समाज महिलाओं और पुरु षों ने पारंपरिक रंगा और च्युंगबाला वेशभूषा में ढाल , तलवार के साथ समाज का प्रसिद्ध नृत्य किया। इस अवसर पर रं महिलाओं ने रं गीत गाकर देवस्तुति की तो समाज के बुजुर्ग फल सिंह रौतेला, ज्ञान सिंह दुग्ताल, हरक सिंह रायपा, गोपाल सिंह रायपा और दौलत फकलियाल आदि पंच लोगों ने दलंग के साथ पमसरे सिमी दंगो चेप्पी मा सुमसा देव गीत गाकर कार्यक्रम का प्रारंभ किया।
रं कल्याण संस्था के तत्वावधान में रं संग्रहालय में आयोजित इस कार्यक्रम में बोलते हुए संस्था के संरक्षक डॉ. जगमोहन गब्र्याल और अध्यक्ष डीके फकलियाल सभी उपस्थित लोगों से अपने घर परिवार में अधिकांश बाते रं भाषा में बोलने को कहा ताकि बच्चे अपनी भाषा के प्रति जागरू क रहे। नंदन न्यास समिति के अध्यक्ष अशोक नबियाल ने रं भाषा के प्रति स्व. नंद राम लाला के प्रयास के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1986 में उनके द्वारा रं लिपि के लिए एक लाख रु पए दिए थे। इन रु पयों के ब्याज से मिले पांच लाख की धनराशि से समाज के विकास के लिए किए गए कार्यो के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रं लिपि तैयार करने वाले को नंदन न्यास समिति की तरफ से सम्मानित करते हुए पुरस्कार दिया जाएगा।
इस मौके पर शिक्षक गिरधर सिंह रौतेला ने मित्र राष्ट्र नेपाल के काठमांडू निवासी हेमंत बोरा का उदाहरण दिया। नेपाल में रं समाज के विधायक गल्बो बोहरा ने नंद राम लाला के प्रयासों को सराहनीय बताया। ======= रं व्याकरण के बारे में बताया कार्यक्रम के दौरान रं व्याकरण के बारे में जानकारी दी गई। दिनेश गब्र्याल ने रं व्याकरण के बारे में बताया ताकि लिपि तैयार हो। दीपक रौंकली ने रं गीत के माध्यम से रंगलो को बढ़ावा देने का संदेश दिया। बालिका स्पर्श ह्यांकी ने अपने गीत से स्वतंत्रता सेनानी परमल सिंह ह्यंाकी की जीवनी बताई। पांच वर्षीय शिवाय गुंज्याल ने रं ल्व में गीत गाकर सभी को मोहित किया। इस अवसर पर नंदन न्यास के सौजन्य से सामूहिक भोज किया गया। ======= पीएम के मन की बात में रं बोली के जिक्र का उत्साह दिखा
बीते माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात में सीमा छोर की रं बोली को लेकर जिक्र किए जाने का उत्साह भी यहां पर दिखा। रं बोली और लिपि तैयार करने की दिशा में विशेष प्रयास नजर आए। रं ल्व ( रं भाषा )को लेकर सभी उत्साहित नजर आए। संचालन राम सिंह ह्यांकी और राजन नबियाल ने किया। ========= कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोग
अशोक नबियाल, कृष्णा गब्र्याल, शंकुलता दताल, डबला फिरमाल, पदमश्री एवरेस्ट विजेता मोहन सिंह गुंज्याल, एवरेस्टर योगेश गब्र्याल, शीतल, मोहन ततवाल, डॉ. प्रेम नगन्याल, डॉ. पारु ल, अनीशा लाला, नेपाल के चमक तिंकरी, विमल बोहरा, अमृता बोहरा, नीना बोहरा, भागीरथी ह्यांकी, जीवन रौकली, पूरन ग्वाल, दिनेश चलाल, उर्मिला गुंज्याल, बबिता सनवाल, सुक्कू गब्र्याल आदि मौजूद थे।