सरकार को समझना होगा त्रिकोणीय अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे पिथौरागढ़ जिले का महत्व : राज्य सभा सांसद टम्टा
राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा ने सामरिक महत्व को समझाते हुए पिथौरागढ़ में सुविधाएं बढ़ाने की मांग की।
पिथौरागढ़, जेएनएन : राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा ने वापस लौटे प्रवासियों के रोजगार के लिए अब तक कोई योजना नहीं बनाए जाने पर केंद्र और राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चलाई जाने वाली मनरेगा की तर्ज पर शहरी बेरोजगारों के लिए अविलंब योजना बनाए जाने की जरू रत बताई।
पिथौरागढ़ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सांसद टम्टा ने कहा कि कोविड-19 के प्रबंधन में सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। लॉकडाउन के पहले चरण में जहां देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार के आसपास थी वहीं आज यह संख्या सात लाख के पास पहुंच रही है। कोविड-19 के चलते खड़े हुए आर्थिक हालत को भी सरकार नहीं संभाल पा रही हैं। उत्तराखंड में तीन लाख से अधिक प्रवासी वापस लौटे हैं, जिनका डाटा बेस तक सरकार तैयार नहीं कर पाई है। इन लोगों को रोजगार देने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। वापस लौटे युवाओं में डिप्रेशन बढ़ रहा है और भविष्य में इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
उन्होंने पिथौरागढ़ जिले को सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि चीन सीमा तक सड़क बनाने के कार्य कांग्रेस शासनकाल में शुरू हुए थे, लेकिन इनमें से अधिकांश अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। उत्तराखंड में रेल ट्रेक के विकास के लिए जो योजना कांग्रेस ने बनाई थी उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को त्रिकोणीय अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे इस जिले का महत्व समझते हुए यहां सुविधाएं बढ़ानी होंगी। वार्ता के दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश पंत मौजूद थे।