पोनी पोटर्स को आस कि महादेव की कृपा से अवश्य होगी मानसरोवर यात्रा
कैलास मानसरोवर यात्रा आयोजन को लेकर पिथौरागढ़ के पोनी पोटर्स ने प्रभु महादेव पर आस्था जताई है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : भारत-चीन के बीच होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा आयोजन को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। अप्रैल माह में लोगों से गुलजार हो जाने वाली हिमालय की घाटियों में इस बार अब तक सन्नाटा पसरा हुआ है। यात्रा के जरिए रोजगार पाने वाले सैकड़ों पोनी-पोटर्स को रोजी-रोटी की चिंता सता रही है।
कैलास मानसरोवर यात्रा जून माह में शुरू होती है। 21 दिन की इस यात्रा में यात्री सात दिन चीन में गुजारते हैं। दिल्ली से शुरू होने वाली यात्रा पिछले वर्ष तक गाला तक वाहनों से पहुंचती थी और इसके बाद यात्री अंतिम भारतीय सीमा लिपूलेक तक पैदल पहुंचते थे। इस दर्रे को पार करने के बाद यात्री चीन में प्रवेश करते हैं और यहां से वाहनों के जरिए कैलास मानसरोवर तक पहुंचते हैं। पैदल यात्रा के दौरान कैलास यात्रियों के संगी-साथी होते हैं स्थानीय पोनी-पोटर्स। यात्रियों का सामान ढोने के साथ ही बुजर्ग यात्रियों को ये घोड़े पर भी यात्रा कराते हैं। पांच माह तक क्षेत्र के सैकड़ों पोनी-पोटर्स को आजीविका मिलती है।
इस वर्ष कैलास मानसरोवर यात्रा को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। दिल्ली, पिथौरागढ़ और धारचूला में यात्रा की तैयारियों को लेकर होने वाली कोई बैठक अब तक नहीं हुई है, जबकि जनवरी अंत में ही दिल्ली में होने वाली पहली बैठक में इसका खाका खींच लिया जाता था। पोनी पोटर्स को उम्मीद है कि महादेव की कृपा से स्थिति जल्द सामान्य हो जाएगी और उन्हें यात्रा के जरिए रोजगार मिलता रहेगा। ====== यात्रा को लेकर अभी सरकार से कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। यात्रा शुरू होने का समय जून प्रथम सप्ताह निर्धारित है। सरकार से दिशा निर्देश मिलने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है। यात्रा स्थगित होने की स्थिति में पोनी-पोटर्स के लिए मनरेगा आदि के माध्यम से रोजगार सृजन की दिशा में कार्य किया जाएगा।
- एके शुक्ला, एसडीएम धारचूला ====== कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए 240 पोनी-पोटर्स कुमाऊं मंडल विकास निगम में पंजीकृत हैं। इन परिवारों की आजीविका यात्रा से ही चलती है। यात्रा नहीं होने की स्थिति में इनकी आजीविका प्रभावित हो सकती है। प्रशासन को इनका संज्ञान लेना चाहिए।
- जगत मर्तोलिया, अध्यक्ष पोनी-पोटर्स एसोसिएशन