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लॉकडाउन के दौरान बॉर्डर पर फंसे नेपाली श्रमिकों को डीएम ने समझाया

लॉकडाउन के दौरान सीमाएं बंद होने से बॉर्डर पर फंसे नेपाली नागरिकों को पिथौरागढ़ के डीएम ने समझाया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 09:33 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 06:10 AM (IST)
लॉकडाउन के दौरान बॉर्डर पर फंसे नेपाली श्रमिकों को डीएम ने समझाया
लॉकडाउन के दौरान बॉर्डर पर फंसे नेपाली श्रमिकों को डीएम ने समझाया

धारचूला, जेएनएन: भारत और नेपाल सरकार द्वारा लॉकडाउन के चलते भारत नेपाल को जोड़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय झूला पुलों को बंद कर दिया गया है। पुल बंद होने से भारत में फंसे सैकड़ों मजदूर पुल बंद होने से अपनी सरकार के खिलाफ आक्रोशित हैं। मंगलवार को पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने धारचूला पहुंच कर नेपाली मजदूरों को वर्तमान स्थिति से अवगत कराते समझाया। डीएम के समझाने से नेपाली मजदूरों ने लॉक डाउन तक भारत में बने चार राहत केंद्रों पर रहने की सहमति जताते सहयोग का भरोसा दिलाया है।

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नेपाल सरकार द्वारा पुल बंद किए जाने से नाराज नेपाली मजदूरों ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय झूला पुल पर नेपाल प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पथराव भी किया गया। चार नेपाली नागरिकों ने काली नदी में कूद तक मार दी थी। नेपाली मजदूरों के तेवरों को देखते हुए मंगलवार को डीएम डॉ. वीके जोगदंडे और पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी जौलजीबी, बलुवाकोट और धारचूला पहुंचे। तीनों स्थानों पर तहसील प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत केंद्रों में जाकर डीएम ने कोरोना के चलते बने हालातों से नेपाली नागरिकों को बताया और लॉकडाउन के चलते पुल नहीं खोल पाने की जानकारी दी।

जिलाधिकारी ने नेपाली नागरिकों को बताया कि लॉकडाउन तक उनके भोजन व अन्य व्यवस्था भारतीय प्रशासन करेगा। इस मौके पर उन्होंने दोनों देशों की सरकार और प्रशासन की कोरोना के चलते मजबूरी बताई। जिस पर नेपाली लोग मान गए। डीएम के निर्देश पर जीआइसी जौलजीबी, जीआइसी बलुवाकोट, स्पो‌र्ट्स स्टेडियम धारचूला और काजी हाउस में बने राहत केंद्रों में आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था कराई। चारों स्थानों पर आइसोलेशन के लिए व्यवस्था की गई। किसी के बीमार पड़ने पर उसे आइसोलेशन में रखा जाएगा। एक चिकित्सा टीम तैनात की गई जो नियमित रू प से शिविरों में नेपालियों का परीक्षण करती रहेगी। स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के मैदान में टेंट लगाकर आइसोलेशन वार्ड बनाए गए।

पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी ने कहा कि कानून का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। ======= इस समय जौलजीबी से लेकर धारचूला तक छह सौ नेपाली मजदूर हैं। चार राहत केंद्र बनाए गए हैं। महिलाओं के लिए अलग कक्ष बने हैं। आइसोलेशन के लिए भी कक्ष बनाया गया है। कोरोना को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी जा चुकी है। नेपाल में अभी तक नौ अप्रैल तक लॉकडाउन है भारत में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। नेपाल के उच्चाधिकारियों से वार्ता की गई तो उन्होंने लॉकडाउन में पुल नहीं खोल पाने की असमर्थता जताई। नेपाली मजदूरों को प्रशासन किसी तरह की परेशानी नहीं होने देगा ।

- डॉ. वीके जोगदंडे, जिलाधिकारी पिथौरागढ़


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