Pithauragarh News: उत्तराखंड के मुनस्यारी में भारी बारिश, ऊंची पहाड़ियों पर गिरी बर्फ, तापमान में भारी गिरावट
मुनस्यारी में सुबह से आसमान बादलों से ढका रहा। अपराह्न चार बजे से भारी बारिश शुरू हो गई। तहसील क्षेत्र के निचले इलाकों में बारिश के साथ ही हंसालिंग पंचाचूली राजरंभा हीरामणि आदि ऊंची चोटियों में मौसम का चौथा हिमपात हुआ।
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता। गुरूवार को सीमांत तहसील मुनस्यारी में भारी बारिश हुई। ऊंची चोटियों में एक बार फिर हिमपात हुआ है। बारिश और हिमपात से तहसील क्षेत्र ठंड की चपेट में आ गया है। जिले भर में गुरुवार को बादल छाए रहे।
मुनस्यारी में सुबह से आसमान बादलों से ढका रहा। अपराह्न चार बजे से भारी बारिश शुरू हो गई। तहसील क्षेत्र के निचले इलाकों में बारिश के साथ ही हंसालिंग, पंचाचूली, राजरंभा, हीरामणि आदि ऊंची चोटियों में मौसम का चौथा हिमपात हुआ। हिमपात के बाद अब चोटियां बर्फ से ढकने लगी हैं।
धारचूला में छाए रहे बादल
हिमपात और बारिश के बाद तापमान में गिरावट आ गई। तहसील मुख्यालय में लोगों को जैकेट, टोपी, स्वेटर निकालने पड़े हैं। उधर धारचूला तहसील में भी दिन भर बादल छाए रहे। जिला मुख्यालय में धूप-छांव का खेल चलता रहा। समाचार लिखे जाने तक जिले में अन्य स्थानों पर बारिश नहीं हुई थी।
आदि कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग खुला
धारचूला। तवाघाट लिपूलेक सड़क बीती रात्रि मलघाट के पास मलबा आने से बंद हो गई थी। बीआरओ कर्मचारी रात से ही मलबा हटाने के काम में जुट गए थे। गुरुवार की दोपहर को सड़क पर जमा मलबा हटा लिया गया। मार्ग खुल जाने से आदि कैलास यात्रा पर जा रहे लोगों को राहत मिल गई है।
उच्च हिमालय में ट्रैकिंग को लेकर प्रशासन सतर्क, ट्रैकरों को करना होगा रजिस्ट्रेशन
पिथौरागढ़। उत्तरकाशी के द्रौपदी के डांडा में हुए हिमस्खलन के बाद पिथौरागढ़ प्रशासन उच्च हिमालय में ट्रैकिंग को लेकर सतर्क हो गया है। प्रशासन ने अब जिले में आने वाले ट्रैकरों का पूरा विवरण रखने के लिए ट्रैकर रजिस्ट्रेशन पोर्टल विकसित किया है।
अपर जिलाधिकारी एफआर चौहान ने बताया कि नामिक, खलियाटॉप, नंदा देवी बेस कैंप, पंचाचूली बेस कैंप, सिंगला पास, जिम्बा ग्लेशियर जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्र में देश दुनिया के पर्यटक जाते रहते हैं। अब उच्च हिमालय में जाने वाले ट्रैकरों को क्षेत्र में जाने से पहले ट्रैकर रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर आनलाइन पंजीकरण करना होगा।
आपात स्थिति से निपटने में मिलेगी मदद
रजिस्ट्रेशन की डिटेल ट्रैकर को देने के साथ ही अनुमति जारी की जाएगी। प्रशासन ट्रैकरों का इलेक्ट्रानिक रिकार्ड अपने पास रखेगा। इससे ट्रैकिंग के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी। बगैर आनलाइन पंजीकरण के अब किसी भी ट्रैकर को उच्च हिमालय में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।