चरस प्रकरण को एसएसबी की कार्यशैली पर भड़के
चेकिंग के नाम पर वाहन चालकों को परेशान करने के आरोप में एसएसबी के विरुद्ध प्रदर्शन किया।
चेकिंग के नाम पर वाहन चालकों को परेशान करने का आरोप
अनवार चौराहे पर एक घंटे तक लगाया सांकेतिक जाम
23 मार्च को तहसील कार्यालय और एसएसबी कैंप के घेराव की चेतावनी
संवाद सूत्र , धारचूला : वाहन स्वामी एवं वाहन चालक का उत्पीड़न करने के आरोप में सोमवार को टैक्सी यूनियन ने एसएसबी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एक घंटे का सांकेतिक चक्का जाम किया। समर्थन में पुरुषों के साथ ही भारी तादाद में महिलाएं भी सड़कों पर उतर आई। 23 मार्च तक मामले की जांच नहीं होने पर तहसील कार्यालय और एसएसबी कैंप के घेराव की चेतावनी दे डाली।
शुक्रवार को एसएसबी ने एक वाहन से 610 ग्राम चरस बरामद की थी । वाहन स्वामी एवं चालक को एसएसबी कैंप धारचूला लाया गया। टैक्सी यूनियन अध्यक्ष कमल मार्छाल का कहना है कि एसएसबी ने वाहन चालक को सायं पांच बजे पकड़ा और रात भर अपनी हिरासत में रखकर दूसरे दिन सुबह चार बजे पुलिस को सौंपा। एसएसबी की इस कार्यवाही को लेकर टैक्सी यूनियन ने सोमवार को हाईवे पर चक्का जाम की चेतावनी दी थी। सोमवार को टैक्सी यूनियन ने नगर के ही अनवार चौराहे पर एक घंटे का सांकेतिक जाम किया गया।
टैक्सी यूनियन ने एसएसबी की वाहन चेकिंग की प्रक्रिया को संदेहास्पद बताया है। यूनियन का कहना है कि शुक्रवार को एसएसबी ने धारचूला टैक्सी स्टैंड पर वाहन की चेकिंग की । इसके बाद नगर के घटधार में फिर से चेकिंग की गई। इसके उपरांत दो किमी दूर हाट गांव के पास तीसरी बार चेकिंग की गई। वाहन सवारियां बैठी थी जिन्हें उतार दिया गया। वाहन स्वामी को मय वाहन एसएसबी कैंप लाकर कहा गया कि उसके वाहन में चरस मिली है। इस प्रक्रिया को लेकर यूनियन ने चक्का जाम का निर्णय लिया था।
सोमवार को स्थानीय लोगों ने नगर में प्रदर्शन किया। बाद में उपजिलाधिकारी एके शुक्ला को ज्ञापन सौंपा। जिसमें एसएसबी की कार्यप्रणाली की जांच की मांग की है। 18 मार्च तक जांच नहीं होने पर 19 मार्च को तहसील कार्यालय और एसएसबी कैंप के घेराव की चेतावनी दी गई है। 23 मार्च को आमरण अनशन और धारचूला की पेयजल आपूर्ति ठप करने की चेतावनी दी गई है। प्रदर्शन में पूरन सिंह ग्वाल, महेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, दान सिंह, राम सिंह , पूरन धामी आदि शामिल थे।