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एक गांव ऐसा जहां कोरोना की नो एंट्री

हीपा गांव के लोग गाइडलाइन का पालन कर कोरोना को मात दे रहे है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 10:50 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 10:50 PM (IST)
एक गांव ऐसा जहां कोरोना की नो एंट्री
एक गांव ऐसा जहां कोरोना की नो एंट्री

थल, अर्जुन सिंह रावत : विकासखंड बेरीनाग के कई गांव जहां बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिए गए हैं, वहीं इसी विकासखंड के अंतर्गत थल का दूरस्थ हीपा गांव अभी तक कोरोना संक्रमण से अछृता है। इसके पीछे ग्रामीणों द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उचित समय पर उठाए गए आवश्यक कदम हैं।

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ग्राम पंचायत हीपा में वर्तमान में 260 परिवार रहते हैं। अधिकांश ग्रामीण खेतीबाड़ी कर अपना जीवन-यापन करते हैं। गांव के कई लोग महानगरों में नौकरी करते हैं। विगत वर्ष कोरोना की पहली लहर में काफी संख्या में प्रवासी गांव वापस लौटे थे। उस दौरान प्रवासियों को सीधे गांव में प्रवेश नहीं दिया गया। प्रवासियों के लिए गांव से करीब 600 मीटर दूर प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत घर में क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए थे। जहां उन्हें 7 से 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया। वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर में भी बड़ी संख्या में गांव में प्रवासी लौटने लगे हैं। जिसे देखते हुए ग्रामीणों ने उनसे दूरी बना ली है। प्रवासियों के लिए फिर से क्वारंटाइन सेंटर खोल दिए गए हैं। क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद ही उन्हें गांव की सीमा के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं, कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर ग्रामीणों द्वारा स्वयं के स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं। ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरू क किया जा रहा है। साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। ग्रामीणों के कठोर अनुशासन से कोरोना की पहली लहर से वर्तमान दूसरी लहर में अभी तक कोरोना का कोई मामला नहीं आया है। ========== कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए खुद के स्तर से प्रयास करने भी जरू री हैं। गांव में साफ-सफाई के साथ प्रत्येक घर को सैनिटाइज किया जाता है। सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बच्चों व बुजुर्गाें को गांव से बाहर नहीं भेजा जाता है।

-चामू सिंह कार्की, ग्राम प्रधान। =========== गांव के अधिकांश परिवार खेतीबाड़ी कर ही अपनी आजीविका चलाते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए ग्रामीण शारीरिक दूरी का पालन कर खेतों में काम कर रहे हैं। ग्रामीण गांव की ही ताजी सब्जी का सेवन करते हैं। कोरोना से बचाव को लेकर सभी जरू री सावधानी बरती जा रही है।

-मेहर सिंह कार्की, पूर्व सैनिक।


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