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सीएम के नहीं आने से क्षेत्र के लोग मायूस

जौलजीबी मेले का शुभारंभ सामान्यतया प्रदेश के मुख्यमंत्री ही करते रहे हैं। इस वर्ष चुनाव आचार संहिता के चलते उन्होंने मेले में शिरकत नहीं की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 10:29 PM (IST)
सीएम के नहीं आने से क्षेत्र के लोग मायूस
सीएम के नहीं आने से क्षेत्र के लोग मायूस

जौलजीबी : जौलजीबी मेले का शुभारंभ सामान्यतया प्रदेश के मुख्यमंत्री ही करते रहे हैं। इस वर्ष चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण जनप्रतिनिधि मेले का शुभारंभ नहीं कर सके। जौलजीबी मेले के दौरान प्रदेश के मुखिया न केवल सीमांत की समस्याओं से रू बरू होते हैं बल्कि वे क्षेत्र के विकास के लिए तमाम घोषणाएं भी करते हैं। इन घोषणाओं को काफी गंभीरता से लिया जाता हैं। इनमें से कई घोषणाएं जल्द ही धरातल पर भी आ जाती हैं। पूर्व में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, दिवंगत वित्त मंत्री नारायण दत्त तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल जैसी तमाम हस्तियां इस मेले में शिरकत कर चुकी हैं। इस वर्ष किसी बड़े नेता के नहीं आने से क्षेत्र की जनता थोड़ी मायूस दिखी। राजमा और लकड़ी का हस्तशिल्प बना आकर्षण का केंद्र जौलजीबी: जौलजीबी मेले में उच्च हिमालय में उत्पादित होने वाला राजमा भी बिक्री के लिए खूब आता है। उच्च हिमालय का काला और रंगा-बिरंगा राजमा लोगों द्वारा हाथों-हाथ लिया जाता है। इसके लिए व्यापारियों को पहले से ही डिमांड दे दी जाती है। औषधीय गुणों से भरपूर उच्च हिमालय के राजमा की मेले में खूब बिक्री होती है। मेले में इसकी दुकानें सज गई हैं। इस वर्ष स्थानीय काष्ठ हस्तशिल्प से बनी कलाकृतियां भी लोगों को आकर्षित कर रही हैं।

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