नेपाली पेंशनर्स को 93 लाख की पेंशन बांटी
नेपाल के पेंशनर्स के लिए सोमवार सुबह नौ बजे खोले गए झूलाघाट के झूला पुल से पेंशनर्स सहित उनके साथ 709 लो भारत पहुंचे।
संवाद सूत्र, झूलाघाट : नेपाल के पेंशनर्स के लिए सोमवार सुबह नौ बजे खोले गए झूलाघाट के झूला पुल से पेंशनर्स सहित उनके साथ 709 लोग भारत आए। इस दौरान 35 लोग नेपाल गए। पहले दिन 125 पेंशनर्स को 93 लाख की पेंशन का वितरण किया गया। जहां धारचूला में नेपाल पुलिस का रवैया काफी सकारात्मक रहा वहीं झूलाघाट में बैतड़ी पुलिस के रवैये से नेपाली पेंशनर्स नाराज दिखे। यहां पुलस से एकबार में सिर्फ दस लोगों को ही आने-जाने दिया गया।
नेपाल से आने वाले पेंशनर्स में कुछ लोग बीमार और वृद्ध थे। एक वृद्ध पेंशनर्स को परिजन डोके (डलिया) में बैठाकर लाए तो बीमार महिला पेंशनर्स 76 वर्षीय लीला बिष्ट को स्ट्रेचर से लाया गया। सोमवार को नेपाल से पहुंचे 709 लोगों में 125 पेंशनर्स को पेंशन मिली। उनके साथ आए तीमारदारों सहित कुल 150 लोग वापस नेपाल चले गए। इसके अलावा 33 भारतीय नागरिकों ने पूजा और नाते रिश्तेदारी में जाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थीं। अनुमति मिलने पर यह सभी लोग नेपाल गए।
एसएसबी के अनुसार पेंशन नहीं मिलने के कारण 559 नेपाली अभी भारत में फंसे हैं। जिसमें से कुछ लोग होटलों में ठहरे हैं। झूलाघाट में मात्र आठ होटल हैं। अधिकांश लोगो के ठहरने की व्यवस्था नहीं है। जिसे देखते हुए थानाध्यक्ष तारा सिंह राणा और राजस्व विभाग जीआइसी और शिशु मंदिर में नेपालियों के ठहरने की व्यवस्था में जुटे हैं। एसबीआइ शाखा प्रबंधक विवेक यादव ने बताया पहले दिन 125 पेंशनर्स को 93 लाख की पेंशन का वितरण किया गया। इस मौके पर जीवित प्रमाण पत्र भी जमा कराए गए। झूलाघाट का झूला पुल सुबह नौ बजे से सायं पांच बजे तक खुला।