महिला को प्रत्याशी बनाने का साहस नहीं जुटा पा रहे राष्ट्रीय दल
जागरण संवाददाता पिथौरागढ़ महिला सशक्तीकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे तो बहुत ग
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : महिला सशक्तीकरण और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे तो बहुत गूंजते हैं लेकिन धरातल पर आज भी महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की सोच में सियासी दलों में बदलाव नहीं आया है। किसी महिला को प्रत्याशी बनाने के लिए राष्ट्रीय दल साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र में महिला और पुरु ष मतदाताओं की संख्या में लगभग पचास हजार का अंतर है। संसदीय क्षेत्र के द्वाराहाट विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। वहीं यदि पिथौरागढ़ जिले के निकायों पर नजर डाले तो यहां के पांच निकायों में चार निकायों में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। कमोवेश यही हाल अन्य जिलों में भी है। इसके बावजूद राष्ट्रीय दल देश की सर्वोच्च संसद में इस क्षेत्र से महिला को प्रत्याशी बनाने से कतराते रहे हैं।
अल्मोड़ा जब से संसदीय क्षेत्र बना तब से केवल दो बार ही महिला प्रत्याशी मैदान में उतारी है। एक बार क्षेत्रीय दल उक्रांद ने पुष्पा कटौंच को प्रत्याशी बनाया तो एक बार कांग्रेस ने रेणुका रावत को प्रत्याशी बनाया है। उत्तराखंड क्रांति दल ने तब महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा जब उसका जनाधार लगभग खिसक चुका था। मात्र अपनी उपस्थिति दर्शाने के लिए महिला प्रत्याशी मैदान में उतारी। वर्ष 2004 में कांग्रेस ने रेणुका रावत को चुनाव मैदान में उतारा। माना जाता है कि इस सीट पर लगातार तीन चुनाव हारने के बाद कांग्रेस नेता हरीश रावत ने अपनी धर्मपत्नी रेणुका रावत को मैदान में उतारा। रेणुका रावत मामूली अंतर से चुनाव हारी थीं।
........................
विस महिला पुरु ष
अल्मोड़ा 42850 46690
रानीखेत 38490 41709
द्वाराहाट 45691 44778
सल्ट 46402 49071
जागेश्वर 42897 48067
सोमेश्वर 41371 44416
बागेश्वर 55139 59232
कपकोट 47602 50739
गंगोलीहाट 48198 53695
पिथौरागढ़ 52265 56002
डीडीहाट 41507 43560
धारचूला 42492 44598
लोहाघाट 47998 54567
चम्पावत 43144 48330
--------------------------------
योग 635996 685655