नंदा देवी से सात पर्वतारोहियों के शव निकाले
जागरण संवाददाता मुनस्यारी/पिथौराढ़ 26 मई को नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान एवलांच आने स
जागरण संवाददाता, मुनस्यारी/पिथौराढ़ : 26 मई को नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान एवलांच आने से लापता इंग्लैंड, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों और एक भारतीय लाइजन अफसर के बरामद सात शवों को नंदा देवी से रेस्क्यू कर लिया गया है। वायु सेना के हेलीकॉप्टर से शव हल्द्वानी पहुंचाए गए। आठवें पर्वतारोही का शव अभी भी बर्फ में दबा है। बरामद शवों में भारतीय लाइजन अफसर और आस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही की शिनाख्त हुई है।
नंदा देवी ईस्ट अभियान में दस मई को इंग्लैंड, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के 12 पर्वतारोही दिल्ली से नंदा देवी को रवाना हुए। यह दल 13 मई को मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुआ। दल में 12 पर्वतारोही, आइएमएफ का लाइजन अफसर और पोर्टर्स आदि मिलाकर कुल 19 लोग मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुए। दल में शामिल एक इंग्लैंड निवासी पर्वतारोही बीच मार्ग से तबीयत खराब होने से वापस लौट गया। 11 पर्वतारोही और लाइजन अफसर नंदा देवी ईस्ट अभियान में गए। अभियान के शुरू होने के बाद इंग्लैंड के चार पर्वतारोही बेस कैंप में रहे। सात विदेशी पर्वतारोही टीम लीडर इंग्लैंड निवासी मार्टिन मोरिन, जान चार्लिस मैकनर्स, रिचर्ड प्याने, रू पर्ड वेवेल, यूएसए निवासी एंथोनी सूडेकम, रु नाल्ड विवेल और आस्ट्रेलिया निवासी महिला पर्वतारोही रू थ मैकेंस तथा भारतीय लाइजन अफसर चेतन पांडेय आरोहण को गए। इसी दौरान 26 मई को एवलांच आने से ये आठों पर्वतारोही लापता हो गए। जिसकी सूचना प्रशासन को आइएमएफ से 31 मई को मिली। इसके बाद खोज एवं बचाव कार्य के लिए वायु सेना से मदद ली गई। हेलीकॉप्टरों द्वारा रेकी करने पर नंदा देवी में पांच शव नजर आए।
इसी दौरान बेस कैंप में रुके और सुरक्षित मिले चार इंग्लैंड निवासी पर्वतारोहियों को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ लाया गया। इसके बाद प्रशासन, आइटीबीपी, वायु सेना के संयुक्त तत्वावधान में रेस्क्यू कार्य चलाने की रणनीति बनी। आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया के संचालन में डेयर डेविल्स नाम से रेस्क्यू अभियान चला। जिसमें बल के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहियों को चुना गया। रेस्क्यू दल को 14 मई को हेलीकॉप्टर से नंदा देवी बेस कैंप उतारा गया। रेस्क्यू दल ने 15 हजार फीट की ऊंचाई पर प्रथम कैंप, 17450 फीट की ऊंचाई पर कैंप द्वितीय बनाया। जहां से शवों को निकालने का कार्य किया गया। आठ में से सात शव मिले। मौसम अत्यधिक खराब रहने से आइटीबीपी ने आठवें शव की अलग से तलाश करने की बात कहते अभियान रोक लिया।
सात शवों को कैंप वन तक लाना चुनौती पूर्ण बना था। शवों को बीस हजार फीट की ऊंचाई तक लाकर फिर छह किमी नीचे लाना था। मंगलवार की सायं तक रेस्क्यू दल ने सभी सात शवों को 15 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचाया। बुधवार की सुबह मौसम के साथ देने पर वायु सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर नंदा देवी पहुंचे। जहां से शवों को एयरलिफ्ट कर मुनस्यारी पहुंचाया। तीन शिफ्टों में सात शव मुनस्यारी लाए गए। जहां से मिग-17 हेलीकॉप्टर से शवों को पिथौरागढ़ नैनी सैनी हवाई पट्टी लाया गया।
नैनी सैनी हवाई पट्टी पर जिलाधिकारी डॉ. वीके जोगदंडे की मौजूदगी में पुलिस ने शवों का पंचनामा भरा। शवों में केवल दो की पहचान हो सकी। जिसमें उत्तराखंड के जिला अल्मोड़ा निवासी चेतन पांडेय और एकमात्र महिला होने के कारण आस्ट्रेलिया निवासी रू थ मेकें स की ही पहचान हो सकी। नैनी सैनी हवाई पट्टी में हुए पंचनामा के दौरान नैनी सैनी के ग्रामीणों ने पंचनामे में हस्ताक्षर किए। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी भेजा गया। इस प्रक्रिया के बाद जिलाधिकारी डॉ. वीके जोगदंडे, आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया, टीम लीडर आरएस सोनाल, वायु सेना के विंग कमांडर विशाल मेहता सहित अन्य अधिकारियों ने पत्रकार वार्ता कर अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।