लोकतंत्र के महापर्व पर पलायन की चोट
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत उम्मीद के अनुरू प नहीं रहा। इसके तमाम
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत उम्मीद के अनुरू प नहीं रहा। इसके तमाम कारण सामने आए हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण यहां भी पलायन ही है। लोगों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं, लेकिन वे शिक्षा, रोजगार को लेकर जनपद से बाहर हैं।
जनपद की चारों विधानसभाओं में जागरण टीम ने कई बूथों पर मतदाताओं की पड़ताल की। सूची में नाम दर्ज होने के बावजूद मतदाता के मतदान के लिए नहीं पहुंचने के कारण तलाशे गए तो पता चला कि 18 वर्ष से 28 वर्ष के तमाम युवा उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और रोजगार के लिए दिल्ली, देहरादून, बंगलुरु जैसे शहरों में रह रहे हैं। 30 से 45 वर्ष तक के आयु वर्ग के आम लोग गुजरात, दिल्ली, मुम्बई जैसे शहरों में छोटा मोटा रोजगार कर रहे हैं। कई माता-पिता भी अपने बच्चों के साथ ही बड़े शहरों में रह रहे हैं वे सिर्फ पूजा पाठ और शादी विवाह जैसे समारोह में ही घर आते हैं। गांवों की बड़ी आबादी बच्चों की शिक्षा और रोजगार को लेकर गांव से बाहर है। अधिकांश गांवों में बुजुर्ग बचे हुए हैं। 60 से 65 किलोमीटर दूर स्थित गांवों से जिला मुख्यालय आए तमाम मतदाता भी वोट डालने के लिए गांवों में नहीं गए। इसी के चलते तमाम कोशिशों के बाद भी मतदान प्रतिशत में कोई इजाफा नहीं दिखा। पलायन की रफ्तार यही बनी रही तो आने वाले चुनावों में मतदान प्रतिशत के और सिकुड़ने की आशंका है।