जंगली जानवरों को बचाने में स्थानीय ग्रामीणों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ भारत सरकार और यूएनडीपी के संयुक्त तत्वाधान में चल रही सिक्योर हिमालय
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: भारत सरकार और यूएनडीपी के संयुक्त तत्वाधान में चल रही सिक्योर हिमालय योजना के तहत वन्य जंतु अपराध रोकने पर चर्चा हुई। इसके लिए ग्रामीणों के सहयोग को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में चल रही इस छह वर्षीय योजना के तहत मंगलवार को जिला मुख्यालय में बैठक हुई। बैठक में भारतीय वन्य जीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. जीएस रावत ने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हिमालयी गांवों की जैव विविधता, क्षेत्र के जंगली जानवरों की सुरक्षा और स्थानीय लोगों के आजीविका संवर्द्धन के उद्देश्य से चलाई जा रही इस योजना के सार्थक परिणाम तभी सामने आएंगे, जिसमें इसमें स्थानीय लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो। बैठक में वन्य जंतु अपराध को लेकर भी चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग बेहद जरू री है। योजना में हिम तेंदुए को बचाने और उसके परिवेश को सुरक्षित रखने पर विशेष फोकस किया गया है। वर्ष 2023 तक चलने वाली इस योजना के तहत ग्रामीणों की आजीविका संवर्द्धन के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में पिथौरागढ़ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी विनय भार्गव सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे। मालूम हो यह परियोजना उत्तराखंड सहित देश के हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और सिक्किम राज्य में चलाई जा रही है।
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