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मनुष्य को जीवन जीने की कला सीखाती है पुस्तक

पिथौरागढ़: एलएसएम राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आरंभ व छात्रसंघ की ओर से दो दिवसीय लघु

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 03:45 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 03:45 PM (IST)
मनुष्य को जीवन जीने की कला सीखाती है पुस्तक
मनुष्य को जीवन जीने की कला सीखाती है पुस्तक

पिथौरागढ़: एलएसएम राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आरंभ व छात्रसंघ की ओर से दो दिवसीय लघु पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। मेले में विभिन्न ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक, प्रतियोगी परीक्षाओं व विभिन्न महापुरू षों की जीवनी से संबंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। पुस्तकों को खरीदने में छात्र-छात्राओं ने खासी दिलचस्पी दिखाई।

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मेले का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डीएस पांगती ने रिबन काटकर किया। उन्होंने कहा कि पुस्तकें मनुष्य की सच्ची पथ प्रदर्शक होती हैं। वह मनुष्य को जीवन जीने की कला सीखाती हैं। उन्होंने छात्रसंघ व आरंभ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। डॉ. हेम चंद्र पांडेय द्वारा पढ़ने की संस्कृति में पुस्तक मेले के महत्व पर प्रकाश डाला। मेले में न्यू वीरशिवा, जीआइसी, सोरवैली, एशियन एकेडमी आदि विद्यालयों के विद्यार्थियों ने स्टॉलों में जाकर अपनी इच्छानुसार पुस्तकों का चयन किया। समापन अवसर पर लेखक महेश चंद्र पुनेठा, छात्रसंघ अध्यक्ष राकेश जोशी, अंशिका, नूतन, सोनल, चेतना, रवीना, नेहा, मुकुल, दिनेश, प्रदीप, मोहित, शीतल, दीक्षा, जितेश आदि मौजूद थे।


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