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लंदन फोर्ट का नाम सोरगढ़ किला रखने की मांग हुई मुखर

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: लंदन फोर्ट का नाम सोरगढ़ करने की मांग मुखर हो चुकी है। किले

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 10:38 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 10:38 PM (IST)
लंदन फोर्ट का नाम सोरगढ़ किला रखने की मांग हुई मुखर
लंदन फोर्ट का नाम सोरगढ़ किला रखने की मांग हुई मुखर

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: लंदन फोर्ट का नाम सोरगढ़ करने की मांग मुखर हो चुकी है। किले का नाम लंदन फोर्ट होने को गुलामी का प्रतीक बताते हुएविभिन्न संगठन और सियासी दल मुखर हैं। इधर किले के निकट स्थित बंदीगृह के बंदियों ने भी किले का नाम लंदन फोर्ट को गुलामी का प्रतीक बताते हुए सोरगढ़ नाम रखने के लिए सोमवार को भूख हड़ताल का ऐलान किया है। यह चर्चा सुर्खियों में है।

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पूर्व बजरंग दल कोषाध्यक्ष हरीश कापड़ी द्वारा एक बंदीगृह से जारी पत्र दिया गया है । जिसमें लंदन फोर्ट नाम को दासता का प्रतीक बताते हुए इसका नाम सोरगढ़ रखने की मांग की है। इस मांग को लेकर बंदीगृह में बंद 30 बंदियों के नाम लिखे गए हैं जो सोमवार को इस मांग को लेकर एक दिन भी भूख हड़ताल करेंगे। पत्र में कहा गया है कि देश को आजाद हुए 71 वर्ष बीत चुके हैं अभी भी इस तरह की धरोहरों के नाम अंग्रेजी हुकूमत के पहचान बने हैं। लंदन फोर्ट नाम ¨हदुस्तान के अनुरू प नहीं हैं। पत्र में रई झील की भी वकालत की गई है।

लंदन फोर्ट का नाम सोरगढ़ किला करने की मांग सर्वप्रथम रामलीला प्रबंधकारिणी समिति द्वारा उठाई गई थी । रामलीला के दौरान समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह माहरा ने इस आशय का पत्र रामलीला मंचन में पहुंचे वित्त्त मंत्री प्रकाश पंत को दिया था। जिला गठन की तिथि 24 फरवरी को इसकी विधिवत घोषणा करने की मांग की थी। इसके बाद प्रबंध कार्यकारिणी समिति सहित विभिन्न संगठग, बुद्विजीवी, जनमंच के भगवान रावत सहित आगे आ गए। इधर अब बंदियों द्वारा भी इस मांग को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल की धमकी यह मामला भावनात्मक होता नजर आ रहा है। क्या है लंदन फोर्ट कुमाऊं में जब गोरखा राज था तो वर्ष 1791-92 में इस किले का निर्माण किया गया। गोरखाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए पितरौठा गांव की चोटी पर साढ़े छह नाली भूमि पर इसका निर्माण कराया चारों तरफ एक अभेद्य परकोटे नुमा सुरक्षा दीवार बनाई गई । तब इसमें आठ कमरे बनाए गए थे। दीवार में 152 मचान बनाए गए हैं। किले की दीवारों की लंबाई 88.5 मीटर और चौडाई पांच फीट चार इंच है। वर्तमान में किले में कुल 15 कमरे हैं । गोरखा शासनकाल में गोरखा किला , बाउलकी गढ़ कहा जाता था। अंग्रेजी हुकूमत में इसमें लंदन फोर्ट की झलक देखते हुए इसे लंदन फोर्ट नाम दिया। इस किले में तहसील कार्यालय चला। इधर अब धरोहर में शामिल कर इसका सौंदर्यीकरण करते हुए जनता के लिए खोला गया है।

बंदियों के इस मांग को लेकर भूख हड़ताल की कोई जानकारी प्रशासन के पास नहीं है। इसका पता लगाया जा रहा है। इस तरह का मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं है।

केएस धौनी, तहसीलदार एवं प्रभारी बंदीगृह


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