कैलास मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर अंतिम दो दल भी पिथौरागढ़ लौटे
कैलास मानसरोवर की यात्रा पूरी कर अंतिम दो दल भी पिथौरागढ़ वापस लौट आए हैं। बुधवार को दल वापस दिल्ली लोटेंगे। जिसके साथ यात्रा का समापन होगा।
पिथौरागढ़, [जेएनएन]: कैलास मानसरोवर यात्रा के अंतिम दो दलों के तीन दिन से गुंजी में फंसे यात्री भी मौसम के खुलते ही पिथौरागढ़ पहुंच गए। बुधवार को यात्री काठगोदाम से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। यात्रियों के दिल्ली पहुंचते ही कैलास मानसरोवर यात्रा 2018 का समापन हो जाएगा।
इस वर्ष खराब मौसम के चलते यात्रा में कई बार रुकावट आई। पिथौरागढ़ से गुंजी तक हेलीकॉप्टर सेवा ही एकमात्र विकल्प होने के कारण कई दलों को दस-दस दिन तक पिथौरागढ़ और गुंजी में इंतजार करना पड़ा। 17वें और 18वें दल के यात्रियों ने कैलास मानसरोवर की परिक्रमा पांच दिन पूर्व पूर्ण कर ली थी। दोनों दलों के 49 यात्री भारत लौटने के बाद गुंजी में ठहरे हुए थे।
892 यात्रियों ने की कैलास मानसरोवर की परिक्रमा
इस वर्ष कुल 892 यात्रियों ने कैलास मानसरोवर की परिक्रमा की। जिसमें 220 महिला और 672 पुरुष यात्री शामिल रहे। दिल्ली से कुल 906 यात्रियों का पंजीकरण हुआ था, जिसमें 14 यात्री मेडिकल परीक्षण में असफल होने और मार्ग में बीमार पड़ने तथा घरेलू समस्या को लेकर बीच में ही यात्रा छोड़ कर लौटे ।
पहली बार हेलीकॉप्टर से हुई यात्रा
कैलास मानसरोवर यात्रा में पहली बार हेलीकॉप्टर की सेवा उपलब्ध कराई गई। कैलास मानसरोवर यात्रा का पैदल मार्ग गर्बाधार से आगे लखनपुर, नजंग से लेकर मालपा तक क्षतिग्रस्त था। पहला दल मार्ग को चलने योग्य बनाए जाने के बाद पैदल गया। मगर, इस दल को पैदल मार्ग में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। बाद में केंद्र सरकार ने वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से यात्रियों को पिथौरागढ़ से गुंजी लाने और ले जाने की व्यवस्था की।
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