कनार के बसगड़िया तोक में धंसने रही जमीन, खतरे में मकान
बरम (पिथौरागढ़) जेएनएन 27 अगस्त की रात्रि की भारी बारिश से प्रभावित कनार गांव अभी भी अलग-थ्
बरम (पिथौरागढ़), जेएनएन : 27 अगस्त की रात्रि की भारी बारिश से प्रभावित कनार गांव अभी भी अलग-थलग पड़ा है। गांव के बसगड़िया तोक में लगातार भूमि धंस रही है। भूमि धंसने से कुछ मकान खतरे में आ चुके हैं। बसगड़िया और सल्याड़ी तोक के बीस से अधिक परिवार सारी रात जाग कर बिता रहे हैं।
तहसील बंगापानी का कनार गांव सड़क मार्ग से 16 किमी की चढ़ाई पर है। आपदा से बरम से कनार तक का मार्ग बुरी तरह ध्वस्त है। गांव में कई दिनों से बीमार धन सिंह परिहार को हेलीकॉप्टर से पांचवें दिन बरम लाया गया। जहां से अब धारचूला सीएचसी में भर्ती किया गया है। जहां अभी भी धन सिंह परिहार की हालत खराब है अलबत्ता चिकित्सकों के अनुसार अब स्थिति सामान्य हो रही है।
कनार गांव के लिए सारा सामान बरम से पैदल मार्ग से ढोकर पहुंचाया जाता है। मार्ग बंद होने से गांव में अब आवश्यक सामान समाप्त हो चुका है। प्रशासन से कोई भी अधिकारी यहां तक नहीं पहुंच पाया है। एक दिन पूर्व क्षेत्र के पटवारी ने हेलीकॉप्टर से गांव का निरीक्षण किया। आठ हजार फीट से अधिक ऊंचाई तक स्थित कनार गांव के ग्रामीण भय के साए हैं। ऊपर से बसगड़िया तोक में जमीन धंसने से खतरा बढ़ गया है। गांव निवासी प्रेम सिंह परिहार, भरत सिंह परिहार ने बताया कि गांव में कुछ लोग अभी और बीमार हैं। ग्रामीणों के पास गांव की सीमा से बाहर निकलने का कोई विकल्प नहीं है। कनार के क्षेत्र पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह बुदियाल और ब्लॉक प्रमुख धन सिंह धामी ने प्रशासन से कनार गांव तक राहत सामग्री हेलीकॉप्टर से पहुंचाने और खतरे में आ चुके बसगड़िया तोक को बचाने की मांग की है।