स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जौलजीबीवासियों ने रोका कुमाऊं कमिश्नर अरविंद सिंह ह्यांकी का वाहन
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से परेशान जौलजीबीवासियों ने बुधवार को कमिश्नर ह्यांकी का वाहन रोक दिया।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से परेशान जौलजीबीवासियों ने बुधवार को कुमाऊं कमिश्नर का वाहन रोक लिया। क्षेत्रवासियों ने भारत नेपाल सीमा से लगे पिछड़े क्षेत्र में अविलंब स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ठोस व्यवस्था किए जाने की मांग की।
धारचूला जा रहे कुमाऊं कमिश्नर अरविंद ह्यांकी के जौलजीबी पहुंचने की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के लोग सामाजिक कार्यकर्ता शकुंतला दताल की अगुवाई में स्टेशन में जमा हो गए। क्षेत्रवासियों ने उनका वाहन रोक लिया। क्षेत्रवासियों ने स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मामला उनके सामने रखा और कहा कि बेहद पिछड़े इस क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं दिया गया है। लोगों को उपचार के लिए 30 किमी. दूर धारचूला या फिर जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ रही है। लंबे संघर्ष के बाद शासन ने समाज कल्याण के खाली पड़े विद्यालयी परिसर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए मात्र दो कमरे आवंटित किए गए हैं। विद्यालय अन्यत्र स्थानांतरित हो चुका है। परिसर में 24 कमरे उपलब्ध हैं। पीएचसी में अभी तक कोई सुविधा नहीं दी गई है। इस परिसर में पूर्ण पीएचसी स्थापित किए जाने की मांग क्षेत्रवासियों ने कुमाऊं कमिश्नर के सामने रखी। कमिश्नर ने इस मांग पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
कुमाऊं कमिश्नर को ज्ञापन सौंपने के बाद क्षेत्रवासियों ने कहा कि जौलजीबी में जल्द पूर्ण पीएचसी नहीं खोला गया तो क्षेत्र के लोग उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
========= बमनपुरी गांव को हुड्डी नदी से बचाने की मांग
बनबसा : बमनपुरी की ग्राम प्रधान भावना नेगी ने एसडीएम को ज्ञापन भेजकर ग्राम सभा को हुड्डी नदी के कहर से बचाए जाने की माग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन द्वारा बरसात से पहले बाढ़ से निजात दिलाने के प्रबंध नहीं किए गए तो ग्रामीण सड़क पर उतरकर आदोलन को बाध्य होंगे। ग्राम प्रधान ने कहा है कि विगत कई वर्षो से वर्षाकाल में हुड्डी नदी में आने वाली बाढ़ गांव को काफी अधिक नुकसान पहुंचता है। नदी कटाव करते हुए गाव के काफी नजदीक तक पहुंच गई है। जिससे ग्रामीणों में भय बना हुआ है। ज्ञापन में कहा कि पेट्रोल पंप के निकट नाला चोक होने के साथ पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। पानी की निकासी नहीं होने के कारण वर्षा काल में बरसात का पानी ग्रामीणों के घरों मे घुसेगा और ग्रामीणों की फसलों का काफी नुकसान होगा।