बंधन जोड़ने की खातिर खुला बंद झूलापुल, दोनों देशों की सरकार की सहमति के बाद पांच बरातियों संग दूल्हा पहुंचा नेपाल
शादी के लिए भारत व नेपाल के मध्य झूलाघाट के अंतरराष्ट्रीय झूला पुल को खोला गया।
झूलाघाट (पिथौरागढ़), जेएनएन :
कोरोना के साथ-साथ चीन के इशारे पर भारत से रिश्तों में नेपाल सरकार भले ही खटास ले आई हो, लेकिन दोनों देशों के मध्य रोटी-बेटी के संबंध डिगे नहीं हैं। यही वजह रही कि भारतीय दूल्हा अपने वचन पर कायम रहा और नेपाली दुल्हन को अपने घर लाने के लिए शनिवार को वहां पहुंच भी गया। नौ माह पूर्व तय हुई इस शादी की तिथि लाकडाउन के चलते कई बार आगे खिसकी भी। आखिर में दोनों देशों के तंत्र को इस रिश्ते को जोड़ने के लिए झूलाघाट का पुल खोलना पड़ा। दिन में ही शादी के फेरे हुए और शाम को दुल्हन भारत भी आ गई।
पिथौरागढ़ के तड़ीगांव ग्राम पंचायत के ज्याल गांव निवासी चिंतामणि भट्ट की शादी नेपाल के बैतड़ी जिले की गुरु खोला गांव निवासी अनामिका के साथ इस साल फरवरी में तय हुई थी। 28 फरवरी को चिंतामणि अनामिका को देखने नेपाल गया। दोनों की पसंद के बाद बरातियों की संख्या और स्वागत सत्कार आदि मामलों पर रजामंदी हो गई। दोनों पक्ष मार्च में शादी को लेकर तैयारियों में जुट गए। इसी बीच कोरोना महामारी की दस्तक पर नेपाल ने मार्च के तीसरे सप्ताह से सीमा सील कर दी। सील करने के बाद चीन की हरकतों की वजह से नेपाल में भारत विरोधी माहौल बनाने का प्रयास भी किया जाने लगा। चिंतामणि और अनामिका के परिवार लाकडाउन खुलने को लेकर शादी की तिथि आगे बढ़ाते गए। गर्मी में शुभ लग्न थे पर पुल नहीं खुला तब भी दोनों परिवारों ने अपना वचन नहीं तोड़ा। इधर, मार्गशीर्ष आते ही दोनों परिवारों ने बदली परिस्थिति में ही शादी करने का निर्णय लिया।
इसके लिए दूल्हे के स्वजनों ने पिथौरागढ़ जिलाधिकारी और दुल्हन के की ओर से नेपाल के बैतड़ी जिला प्रशासन को शादी के लिए आवागमन की अनुमति मांगी गई। प्रशासन ने दूल्हे सहित छह बारातियों के नेपाल जाने की अनुमति दे दी।
शनिवार को दूल्हा चिंतामणि सेहरा बांध कर अपने पिता और अन्य चार बरातियों के साथ दुल्हन लाने नेपाल पहुंच गया। दिन में शादी हुई और शाम को दुल्हन लेकर आए बारातियों के लिए फिर पुल खोला गया। एसएसबी के पुल इंचार्ज केएन नगरकोटी ने बताया कि प्रशासन की अनुमति पर छह बरातियों के अलावा चार अन्य लोग भी नेपाल गए हैं। नेपाल से भी पांच लोग भारत आए।