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अधिकार से मांगी सूचना, वो भी गलत

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: सूचना अधिकार अधिनियम भले ही आम आदमी के लिए सूचना प्राप्त करने क

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 03:44 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 11:43 PM (IST)
अधिकार से मांगी सूचना, वो भी गलत
अधिकार से मांगी सूचना, वो भी गलत

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: सूचना अधिकार अधिनियम भले ही आम आदमी के लिए सूचना प्राप्त करने का ब्रह्मास्त्र माना जाता है । इसका जबाव देने वाले इसके साथ किस तरह का मजाक करते हैं यह उदाहरण प्रधानाचार्य राइंका चहज गंगोलीहाट द्वारा दिए गए उत्तर में मिला है। जानकारी दिसंबर 2017 की मांगी गई थी और जबाव में जिक्र दिसंबर 2018 का किया गया है। जो समय अभी भविष्य के गर्भ में है उस समय की जानकारी दी गई है। इतना ही नहीं शीतावकाश में विद्यालय के अनुसेवक (चपरासी )को विद्यालय का कार्यवाहक प्रधानाचार्य बताया गया है।

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गंगोलीहाट विकास खंड के राइंका चहज में बीते वर्ष विद्यालय परिसर स्थित एक इमारती लकड़ी तुन के पेड़ को काटा गया था। जिस पर सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक उमेद सिंह मेहरा ने 27 अगस्त 2018 को प्रधानाचार्य से तुन का वृक्ष काटे जाने के संबंध में सूचनाधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। उन्होंने तुन का पेड़ काटने के लिए विभागीय उच्चाधिकारियों को जानकारी दिए जाने संबंधी सूचना भी मांगी थी। इसके उत्तर में प्रधानाचार्य द्वारा दिया गया जबाव हास्यास्पद और अधिनियम की खिल्ली उड़ाने वाला है ।

पूछी गई जानकारी का जबाव 20 सितंबर 2018 को दिया गया है। जिसमें तीन माह बाद की जानकारी दी गई है। दी गई जानकारी में कहा गया है कि 30 दिसंबर 2018 से 14 दिसंबर 2018 तक विद्यालय शीतावकाश में बंद था। इस अवधि में विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य विद्यालय के अनुसेवक धरम सिंह रौतेला थे। आश्चर्य की बात है कि अभी दिसंबर 2018 आया ही नहीं है। जबाव में कहा गया है कि 15 दिसंबर 2018 से डॉ.प्रमोद कुमार केशरवानी सेवारत हैं। तुन का पेड़ काटने के लिए वन और राजस्व विभाग के अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं लिए जाने की बात कही है। पीटीए की बैठक में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों , गणमान्यों द्वारा प्रस्ताव पारित करने की बात कही है। तुन की लकड़ी के संबंध में मांगी गई जानकारी भी अस्पष्ट है। इसके कोई लिखित और मौखिक आदेश निर्गत नहीं किए गए हैं। 39 नग भगवत सिंह की गवाही में विद्यालय को दिए जाने की बात तो है परंतु इसमें तिथि का कोई जिक्र नहीं किया गया है। प्रधानाचार्य द्वारा दिया गया जबाव चर्चा का विषय बना हुआ है।


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