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दस फीसद कम बारिश के बाद भी आफत

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: इस वर्ष मौसम वैज्ञानिकों ने सामान्य मानसून का दावा किया था। जो प

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 03:19 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 03:19 PM (IST)
दस फीसद कम बारिश के बाद भी आफत
दस फीसद कम बारिश के बाद भी आफत

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: इस वर्ष मौसम वैज्ञानिकों ने सामान्य मानसून का दावा किया था। जो पूरी तरह खरा साबित नहीं हुआ है। पूरे प्रदेश में मात्र चमोली और बागेश्वर जिलों सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। इसके बाद भी दोनों जिलों में मौसम आफत बना हुआ है। अल्मोड़ा और पौड़ी जिलों में सामान्य से कई फीसद कम वर्षा हुई है ।

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भारत मौसम विज्ञान विभाग के जल मौसम प्रभाग नई दिल्ली द्वारा 22 अगस्त को जारी रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष प्रदेश भर में मानसून का मिजाज बदला रहा। मानसून केवल बागेश्वर और चमोली जिलों में ही मेहरबान रहा है। दोनों जिलों में अतिवृष्टि हुई है। उत्तरकाशी में सामान्य से तीन फीसद कम तो पिथौरागढ़ में सामान्य से दस फीसद कम बारिश हुई है। इसके बाद भी दोनों जिलों में आफत बनी है। प्रदेश के जिलों में मानसून से कम हुई वर्षा

पिथौरागढ: औसत से दस फीसद कम

उत्त्तरकाशी : तीन फीसद कम

देहरादनू : सात फीसद कम

अल्मोड़ा : 42 फीसद कम

पौड़ी : 53 फीसद कम

टिहरी : 35 फीसद कम

रु द्रप्रयाग : 20फीसद कम

नैनीताल : नौ फीसद कम

चम्पावत : सात फीसद

ऊधमसिंह नगर : 35 फीसद कम हरिद्वार में सामान्य से अधिक वर्षा हुई प्रदेश का केवल मैदानी जिला हरिद्वार ऐसा रहा है जहां पर सामान्य वर्षा हुई है। आंकड़ों के अनुसार मानसूनी वर्षा सामान्य से अधिक हुई है। जबकि चमोली और बागेश्वर जिलों में अतिवृष्टि हुई है। बागेश्वर में सर्वाधिक वर्षा हुई है।


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