रोडवेज की इनकमिंग फुल आउटगोइंग जीरो
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: रोडवेज को इस समय विषम परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है। त्योहार
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: रोडवेज को इस समय विषम परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है। त्योहारी
सीजन में मैदान से पहाड़ आने वाले यात्रियों को बसों में जगह नहीं मिल रही है तो पहाड़ से मैदान के लिए यात्री नहीं मिल रहे हैं। इस स्थिति के चलते मंगलवार को रोडवेज को दिल्ली के लिए संचालित दो बसों को रोकना पड़ा। इस स्थिति के बावजूद रोडवेज की आमदनी में तीन लाख रुपये प्रति दिन का इजाफा हो रहा है।
दीप पर्व पर मैदानी क्षेत्रों में नौकरी करने वाले लोग बड़ी संख्या में घर लौट रहे हैं। इसके चलते मैदान से पिथौरागढ़ की ओर आने वाली रोडवेज की बसें पैक चल रही हैं। बसों में जगह नहीं मिलने पर यात्री टैक्सियों में महंगा किराया देकर पिथौरागढ़ पहुंच रहे हैं। हल्द्वानी, टनकपुर से चलने वाली टैक्सियां यात्रियों से दोगुना किराया वसूल रही हैं।
रोडवेज बसें मैदान से फुल होकर पिथौरागढ़ पहुंच रही हैं, लेकिन पहाड़ से मैदान जाने वाले यात्री नहीं मिल रहे हैं। रोडवेज की पिथौरागढ़ से प्रात: नौ और 11 बजे दिल्ली के लिए संचालित होने वाली बसें दो घंटे तक स्टेशन में यात्रियों का इंतजार करती रही। दोनों ही बसों को एक भी यात्री नहीं मिला, जिसके चलते दोनों बसों का संचालन स्थगित करना पड़ा। इसके बावजूद इन दिनों रोडवेज की आमदनी में 50 प्रतिशत तक इजाफा हो रहा है। रोडवेज को सामान्य दिनों में जहां पांच से छह लाख रुपये प्रतिदिन की आमदनी होती है वहीं इन दिनों नौ लाख से अधिक की आमदनी पिथौरागढ़ रोडवेज को हो रही है। सोमवार को डिपो को 9.21 लाख रू पये की आमदनी हुई। डिपो में रह गई हैं मात्र 63 बसें पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ के रोडवेज डिपो में बसों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। दो वर्ष पूर्व जहां डिपो में बसों की संख्या 108 तक पहुंच गई थी वहीं वर्तमान में इनकी संख्या घटकर मात्र 63 रह गई है। दो माह पूर्व डिपो ने 20 बसों को नीलाम कर दिया था। इन बसों ने पहाड़ में चलने का सात लाख किमी. का मानक पूरा कर लिया था। डिपो से नई बसों की मांग लगातार निदेशालय को भेजी जा रही है।