मुनस्यारी में 18 ग्राम पंचायतों के बच्चों का राजकीय इंटर कालेज में नहीं विज्ञान का शिक्षक
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : सीमांत में शिक्षा, चिकित्सा के दावे तो सरकार खूब करती है परंतु धरातल पर स्थिति बेहद खराब है। विकास खंड मुनस्यारी के अंतर्गत 18 ग्राम पंचायतों के बच्चों की शिक्षा के लिए खोले गए राजकीय इंटर कालेज बांसबगड़ में विगत चार वर्षो से हाईस्कूल और इंटर कक्षाओं में विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं। एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से विज्ञान के शिक्षकों की नियुक्ति के आश्वासन पर विद्यालय प्रशासन ने कक्षा 11 में प्रवेश तो दिला दिया, परंतु वादा खोखला साबित होने से एक भी दिन भी संबंधित विषय की कक्षा संचालित नहीं हुई है। इससे बच्चों को डाक्टर, इंजीनियर बनाने के अभिभावकों के सपने चकनाचूर हो चुके हैं।
शुक्रवार को क्षेत्र के अभिभावकों का प्रतिनिधिमंडल 75 किमी दूर जिला मुख्यालय पहुंचा। कलक्ट्रेट में उन्होंने जिलाधिकारी को अपनी समस्या बताई। अभिभावकों ने बताया कि विज्ञान के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, सांसद से भी कई बार की गई अनुनय-विनय भी निरर्थक रही। लगातार पत्राचार के बाद भी किसी भी स्तर पर सकारात्मक पहल नहीं हुई है।
अभिभावकों ने बताया कि इस संबंध में 12 जुलाई 2021 को समस्या के समाधान हेतु मुख्यमंत्री हैल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज की गई, अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। अभिभावकों ने कहा कि गरीब का बच्चा प्रतिभा होने के बाद भी विज्ञान पढ़ने से वंचित हैं। विद्यालय में हाईस्कूल कक्षा के लिए विगत चार वर्षो से विज्ञान शिक्षक नहीं है। इंटर कक्षाओं के लिए जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता नहीं हैं। जिलाधिकारी से शिक्षा विभाग को राइंका बांसबगड़ में विज्ञान शिक्षक तैनात करने का अनुरोध किया।
जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने अभिभावकों की समस्या को गंभीरता से लिया। इस संबंध में मुख्य शिक्षाधिकारी से बात कर विद्यालय में विज्ञान शिक्षकों की व्यवस्था के निर्देश दिए। डीएम से मिलने आए अभिभावकों में ग्राम प्रधान बांसबगड़ दीपक जोशी, ग्राम प्रधान खेतभराड़ भागीरथी देवी, प्रधान तल्ला भैंस्को मीना देवी, प्रधान कोट्यूडा तुलसी बथ्याल, प्रधान बजेता भावना देवी, प्रधान डुंगरी रमेश सिंह, प्रधान बरा राजेंद्र कुमार,प्रधान सेलमाली ऊषा देवी, त्रिलोक सिंह बिष्ट, राजेंद्र राणा, लाल सिंह पवार, मनोहर सिंह दशौनी, नंदन कुमार, डिगर सिंह पवार , जगत दशौनी सहित दर्जनों अभिभावक शामिल रहे। समाज सेवी दुर्योधन सिंह दशौनी के नेतृत्व में डीएम को ज्ञापन सौंपा गया।