Move to Jagran APP

उफान पर आई रामगंगा ने नाचनी क्षेत्र में मचाई तबाही

संवाद सूत्र, नाचनी: सीमांत में हुई भारी बारिश ने मुनस्यारी तहसील के दूसरे छोर में जबरदस्त तबाही मच

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 11:45 PM (IST)
उफान पर आई रामगंगा ने नाचनी क्षेत्र में मचाई तबाही
उफान पर आई रामगंगा ने नाचनी क्षेत्र में मचाई तबाही

संवाद सूत्र, नाचनी: सीमांत में हुई भारी बारिश ने मुनस्यारी तहसील के दूसरे छोर में जबरदस्त तबाही मचाई है। पहला छोर पहले ही भीषण आपदा की मार झेल रहा है। उफान पर आई रामगंगा नदी में एक जेसीबी मशीन और मिक्सर बह गया। पूर्व ब्लॉक प्रमुख के मकान का एक हिस्सा भी नदी की भेंट चढ़ गया। नदी तट पर रहने वाले दस परिवारों से घर खाली करा लिए गए हैं। क्षेत्र की 33 केवी विद्युत लाइन टूट जाने से पूरे क्षेत्र की बिजली गुल है। प्रशासनिक अधिकारी प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गए हैं।

loksabha election banner

एक सप्ताह पूर्व मुनस्यारी के मदकोट क्षेत्र में जबदस्त आपदा आई थी। इसके ठीक विपरीत दिशा में स्थित तल्ला जौहार क्षेत्र में हुई भारी बारिश से उफान पर आई रामगंगा नदी ने तबाही मचाई। नाचनी क्षेत्र में नदी से लगा पूर्व ब्लॉक प्रमुख कुंदन सिंह बथ्याल के मकान का एक हिस्सा नदी की भेंट चढ़ गया। इसी क्षेत्र में खड़ी की गई एक जेसीबी और मिक्सर मशीन रामगंगा नदी में समा गई। पिथौरागढ़ और बागेश्वर को जोड़ने वाला झूला पुल उफनाई नदी में बह गया। पुल बह जाने से दोनों जनपदों के बीच आवागमन ठप होने के साथ ही सीमा पर बसे चार गांवों के लोग अलग-थलग पड़ गए हैं। भारी बारिश से क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति करने वाली 33 केवी की विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गई जिससे नाचनी, मुनस्यारी और मदकोट की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। तबाही की सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी केएन गोस्वामी क्षेत्र में पहुंच गए हैं। उन्होंने राजस्व कर्मियों को राहत एवं बचाव कार्य तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए। एक पत्थर ने बचा लिया नाचनी कस्बे को

नाचनी: मंगलवार की रात उफान पर आई रामगंगा नदी के कहर से नाचनी कस्बे को एक विशाल पत्थर ने बचा लिया। नदी के बीच में पड़े इस पत्थर के चलते उफनाई नदी का रू ख कस्बे की ओर नहीं हो सका। नदी कस्बे के विपरीत दिशा में बहती रही। नदी का रू ख कस्बे की ओर होने की स्थिति में भयंकर तबाही संभव थी। वर्ष 1971 में भी उफान पर आई रामगंगा नदी से नाचनी क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी। नदी का रू ख देखकर लोग सहमे हुए हैं। हालांकि बुधवार के दिन में नदी का जल स्तर तक कुछ हद तक कम हो गया। काली, गोरी और सरयू खतरे के निशान तक पहुंची पिथौरागढ़: सीमांत क्षेत्र में हो रही भारी बारिश से जिले की सभी नदियां उफान पर हैं। जिले की सरयू नदी 551 मीटर ऊंचे खतरे के निशान तक पहुंच गई है। काली नदी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे 889 मीटर नीचे बह रही है। जौलजीवी में गोरी नदी खतरे के निशान से मात्र आधा मीटर नीचे बह रही है। बारिश होने पर इन सभी नदियों के खतरे के निशान को पार कर जाने की आशंका है। प्रशासन ने नदी तटों के आस-पास बसी बस्तियों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। जिले में बुधवार को नौ प्रमुख मोटर मार्गो सहित 39 सड़कें मलबा आने से बाधित हो गई। सड़कों को खोलने का काम चल रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.