हिमालय के 17 गांव हुए पॉलीथिन मुक्त
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पहली बार चलाए गए पॉलीथिन उन्मूलन अभियान
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पहली बार चलाए गए पॉलीथिन उन्मूलन अभियान के तहत 800 कट्टे पॉलीथिन सामग्री एकत्र की गई। भारी मात्र में एकत्र की गई पालीथीन की जिला मुख्यालय में रिसाइक्लिंग की जाएगी।
गूंज संस्था ने जिले की खूबसूरत दारमा घाटी के गांव नागलिंग, बालिंग, बौन, दुग्तू, दांतू, ढाकर, तिदांग, मार्छा, सीपू, फिलम, सौन सहित 17 गांवों में वर्षो से बिखरा पड़ा पालीथीन कचरा ग्रामीणों के सहयोग से एकत्र किया। यहां आने वाले पर्यटकों के साथ ही तमाम अन्य माध्यमों से पहुंचने वाले इस पालीथीन को उच्च हिमालय की सेहत के लिए बेहद खतरनाक मानते हुए गूंज संस्था ने इसे हटाने के लिए पहल की। कड़ाके की ठंड के बीच संस्था के कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों ने पालीथीन जमा की। इस दौरान गांवों में बैठकों का आयोजन हुआ। जिसमें पालीथीन के दुष्प्रभाव ग्रामीणों को बताए गए। गांव में दोबारा पॉलीथिन न पहुंचे इसके लिए रक्षक दल भी गठित किए गए। अभियान संचालित करने वाले गूंज संस्था के शैलेश खर्कवाल और सोच संस्था के जगत मर्तोलिया ने कहा कि देश के पर्यावरण में हिमालय का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। हिमालय का स्वस्थ रहना बेहद जरू री है। इसके लिए यहां के लोगों को जागरूक रहना होगा।
17 गांवों से एकत्र की गई पॉलीथिन तहसील मुख्यालय धारचूला लाई जा रही है जहां से उसे जिला मुख्यालय लाया जाएगा। संस्था की और से पालीथीन एकत्र करने के लिए ग्रामीणों को स्नो बूट भी उपलब्ध कराए गए।