दो वर्ष से ठप पड़ी गराऊ जल विद्युत परियोजना
संवाद सूत्र, बेरीनाग: जिले में लघु जल विद्युत परियोजनाओं का हाल बेहाल है। उत्तराखंड को ऊर्जा प्रद
संवाद सूत्र, बेरीनाग: जिले में लघु जल विद्युत परियोजनाओं का हाल बेहाल है। उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने को दावों की सच्चाई बेरीनाग की गराऊ जल विद्युत परियोजना में देखी जा सकती है। परियोजना पिछले दो वर्षो से ठप पड़ी हुई है। इससे हर माह लाखों रुपये को नुकसान सरकार को हो रहा है।
दो दशक पूर्व गराऊ में पानी की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए 300 किलोवाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजना स्थापित की गई थी। एक दशक तक सब कुछ ठीक ठाक चला। हर रोज 300 किलोवाट बिजली उत्पादन से सरकार को अच्छी खासी आमदनी हो रही थी। स्थानीय लोगों को उत्पादित बिजली की आपूर्ति की जाती थी, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को बिजली कटौती की समस्या नहीं झेलनी पड़ती थी। दो वर्ष पूर्व परियोजना ठप पड़ गई और तब से आज तक परियोजना के चक्के नहीं घूमे। क्षेत्र के लोग कई बार परियोजना को ठीक कराए जाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक परियोजना की चलाने के लिए कोई पहल नहीं हुई है। परियोजना में कार्यरत कर्मचारियों को भी लंबे समय से वेतन नहीं मिला है। स्थानीय ग्रामीण बार-बार होने वाली बिजली कटौती की समस्या से परेशान हैं। वर्तमान में परियोजना संचालन की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को सौंपी गई है। परियोजना तकनीकी खराबी के चलते बंद पड़ी है। खराबी को दूर करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। इस माह के अंत तक परियोजना से उत्पादन होने लगेगा। बंशीधर, अवर अभियंता, उरेडा दो वर्ष से परियोजना ठप होना गंभीर मामला है। परियोजना ठप होने से राजस्व का नुकसान हो रहा है। मामले को विधानसभा के इसी सत्र में उठाया जाएगा। मीना गंगोला, विधायक, गंगोलीहाट