स्वतंत्रता सेनानी का पोता फांक रहा धूल
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देने वाले जिले के बड़े
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देने वाले जिले के बड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जौहार सिंह मारकुना का पोता रोजगार के लिए भटक रहा है। प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक कई बार रोजगार की मांग कर चुके युवक को आज तक सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी है। सोमवार को जनता मिलन कार्यक्रम में अपनी फरियाद दर्ज कराने के लिए पहुंचे रवींद्र को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।
दिगरा मुवानी क्षेत्र के प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जौहार सिंह मारकुना का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। सीमांत जिले में स्वतंत्रता की अलख जगाने वाले मारकुना कई बार जेल गए। आजादी के बाद भी वे लंबे समय तक सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहे। बड़ा कद होने के बावजूद उन्होंने अपने परिवार के लिए सरकार से कभी कुछ नहीं मांगा। उनके निधन के बाद उनके पुत्र पर परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी आ गई। पिता के अचानक निधन के बाद इकलौते पौत्र रवींद्र सिंह मारकुना परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। हाईस्कूल पास रवींद्र ने उपनल और अन्य संस्थाओं के माध्यम से रोजगार के लिए कई अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटे, लेकिन आश्वासन के सिवाए उन्हें कुछ नहीं मिला। नाममात्र की खेतीबाड़ी के अलावा क्षेत्र में होने वाले विभिन्न विकास कार्यो में मजदूरी कर रवींद्र अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। रविवार को वे अपनी व्यथा जनता मिलन कार्यक्रम में रखने के लिए पहुंचे, यहां पहुंचने पर पता चला कि निकाय चुनाव के चलते कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। एक बार फिर उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।