गुलदार की दहाड़ के आगे वन विभाग बेबस, संसाधनविहीन विभाग भी नाकाम
पिथौरागढ़ जिले में गुलदारों का आतंक बढ़ता जा रहा है। गुलदारों की दहाड़ के आगे वन विभाग भी बेबस नजर आ रहा है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : सीमांत जिले में गुलदारों का आतंक बढ़ता जा रहा है। गुलदारों की दहाड़ से आमजन डरा हुआ है तो दूसरी तरफ वन विभाग लाचार नजर आ रहा हैं। ट्रेंकुलाइजर के लिए 126 किमी दूर दूसरे जनपद अल्मोड़ा पर निर्भर रहना पड़ता है तो गुलदारों को फंसाने के लिए पर्याप्त पिंजड़े तक नहीं हैं। गुलदारों से बचाव के लिए अब ग्रामीणों को खुद ही आगे आना पड़ रहा है। वन विभाग की इस विवशता के चलते आने वाले दिनों में मानव-गुलदार संघर्ष बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं।
पिछले वर्ष से जिले में गुलदार के हमलों की संख्या एकाएक बढ़ चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ नगर के लोग भी गुलदार के आतंक से खौफजदा है। नगरों, कस्बों में लगे सीसीटीवी कैमरे गुलदारों की मानव बस्तियों में आमद का प्रमाण दे रहे हैं। कनालीछीना, कांडे किरोली बेरीनाग, गंगोलीहाट, पलेटा, सतगड़, कनालीछीना सहित एक दर्जन से अधिक स्थानों पर गुलदार का आतंक है।
======== छह माह के भीतर गुलदारों ने ली तीन की जान पिथौरागढ़: जिले में गुलदारों ने विगत छह माह के बीच तीन लोगों की जान ली है। जिसमें दो मासूम तीन से पांच साल के बच्चे और एक महिला शामिल है। इसके अलावा करीब डेढ़ दर्जन लोगों को गुलदारों ने घायल किया है। पिथौरागढ़, बेरीनाग और गंगोलीहाट में गुलदार ने तीन लोगों को मारा था। === गुलदार के हमलों में पिथौरागढ़ प्रदेश में तीसरे नंबर पर गुलदारों के हमले में पिथौरागढ़ को प्रदेश में तीसरे नंबर पर है। जिले में पांच लाख चालीस हजार हेक्टेयर में वन भूमि है। अधिकांश गांव और आबादी जंगलों के निकट है। जिसके चलते गुलदार का मानव बस्तियों में आने का खतरा अधिक रहता है। =======
वन विभाग के पास केवल आठ सही पिंजड़े गुलदार प्रभावित वाले क्षेत्रों के लोग विभाग से लगातार पिंजड़ा लगाने की मांग कर रहे है। वन विभाग के पास कुल 12 पिंजड़े हैं, जिसमें चार पिंजड़े खराब हैं। एक ही पिंजड़े को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय लगाया जाता है। ऐसे में गुलदारों के पिंजड़े में फंसने की संभावना नजर नहीं आती है। जिले में वन विभाग के सात रेंज हैं। एक ही रेंज में एक से लेकर तीन स्थानों पर गुलदार सक्रिय हैं। गंगोलीहाट, बेरीनाग, लीमाटौड़ा, कनालीछीना, सतगढ़, भौड़ी में पिंजड़े लगे हैं। हालत यह है कि एक ही पिंजड़े को कभी सतगढ़ तो कभी कनालीछीना लगाया जा रहा है। ======= जिले में केवल 12 पिंजड़े है। जिसमें कुछ खराब हैं। कुछ स्थानों पर पहले से ही पिंजड़े लगे हैं। जिले में गुलदारों के सक्रिय होने की सूचनाएं बढ़ती जा रही हैं। पिंजड़े बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
- दिनेश जोशी, वन क्षेत्राधिकारी, पिथौरागढ़