बच्ची से दुराचार का प्रयास वाले को पांच वर्ष का कठोर कारावास
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सीमांत तहसील धारचूला में ढाई वर्ष पूर्व चार वर्ष की बच्ची से दुराचार के
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सीमांत तहसील धारचूला में ढाई वर्ष पूर्व चार वर्ष की बच्ची से दुराचार के प्रयास में धरे गए एक बिहारी मजदूर को न्यायालय ने पांच वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियुक्त को एससी-एसटी एक्ट के तहत एक वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया गया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक मो.शाहिद अंसारी उर्फ राजू निवासी ग्राम महुवारेत थाना जगदीशपुर जिला बेतिया, बिहार धारचूला में मजदूरी का काम करता था। 21 सितंबर 2015 को उसने पड़ोस में रहने वाली चार वर्षीय बालिका को टॉफी देने के बहाने कमरे में बुलाया और उससे दुराचार का प्रयास किया। बच्ची का शोर सुनकर उसकी मां कमरे में पहुंची। मां ने बच्ची को मो. शाहिद के चंगुल से छुड़ाया। उसी दिन मामले की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई गई। पुलिस ने धारा 376, 511, पोस्को अधिनियम, 3(10) एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा पजीकृत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। विवेचना के बाद पुलिस ने मामला न्यायालय के समक्ष पेश किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी ने मामले के सभी पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुनाया। उन्होंने आरोपी को दुराचार के प्रयास का दोषी पाते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर आरोपी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। एससी-एसटी एक्ट के तहत अभियुक्त को एक वर्ष के कारावास और तीन हजार रू पये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष के मुताबिक सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन ने इस मामले में कुल नौ गवाह न्यायालय के समक्ष पेश किए।