धारचूला, मड़मानले व पौण के जंगलों में लगी भीषण आग
पिथौरागढ़ जिले में जंगलों की आग विकराल होती जा रही है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिले में जंगलों की आग विकराल होती जा रही है। जिला मुख्यालय सहित धारचूला और मड़मानले क्षेत्र के जंगल पूरी रात धधकते रहे। वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची। हल्की बारिश से आग शांत हुई।
मंगलवार की रात धारचूला नगर से सटे आंगलादंग के जंगलों में आग लग गई। नगर के नजदीक के जंगलों में आग लगने की सूचना नगरवासियों ने वन विभाग को दी, लेकिन वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची। पूरी रात जंगल धधकता रहा। जिसे पूरे नगर में धुएं की सफेद चादर बिछ गई। प्रात: तीन बजे हल्की बारिश से जंगलों की आग शांत हुई।
इधर जिला मुख्यालय के नजदीकी पौण गांव के जंगलों में बीती रात्रि आग लग गई। जंगल पूरी रात जलते रहे। मुख्यालय के नजदीक का क्षेत्र होने के बाद भी वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची। प्रात: हुई बारिश के बाद आग स्वत: बुझ गई। मड़मानले क्षेत्र में भी जंगलों की आग भीषण हो गई है। क्षेत्र के कई जंगल पूरी रात जलते रहे। आग के चलते वातावरण में धुंध बढ़ रही है, जिससे लोगों को तमाम समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। ============ बारिश व तेज हवाओं ने बागवानों की तोड़ी कमर
लोहाघाट : मौसम ने मंगलवार की रात एक बार फिर करवट ली। अचानक घने बादल छाने व बारिश से मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया। इस बारिश ने गर्मी से जूझ रहे लोगों को राहत दी है। मौसम में आए इस बदलाव की वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। अधिकाश हिस्सों में अप्रैल माह में आंधी तूफान व ओलावृष्टि से बागवानी करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। बारिश व तेज हवाओं ने बागवानों की कमर तोड़ दी है। सेब, आडु, पुलम, खुमानी के फूल झड़ने से बागवान मायूस हैं। गुठलीदार फलों सहित नींबू प्रजाति के फल आम, लीची को भी नुकसान पहुंचा है। तेज हवा के साथ हुई बारिश ने किसानों को बड़ा झटका दिया। बुधवार सुबह तेज हवाओं के साथ आंधी चलती रही। इधर बारिश होने से बाराकोट टैक्सी स्टैंड के पास पानी के तालाब लबालब भर गए। सड़कों में आवाजाही करने वालों को दिक्कतों का समाना करना पड़ा।